Book Title: Dharm Parikshano Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
पाम्यो श्रमर विमान ॥७॥श्री हीरविजय सूरीसरु, शुजविजय तस शिष्य ॥ नावनाविजय कविजन नला, सिकि नमुं निशदिस ॥ ॥ रूपविजय कविराजमां, कृष्ण वि||जय कर जोम ॥ रंगविजय बे रंगीला, नावे एहनी होमए॥श्राठमो खंड पूरो थयो, || ढाल अग्यारे सार ॥ नेमविजयने नित्य प्रते, होजो जयजयकार ॥ १० ॥
- इति श्रीधर्मपरीक्षारासे अष्टम खंमः

Page Navigation
1 ... 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342