Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 215
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-९२ २०७ सबसे ज्यादा महत्त्व की बात है आपके उल्लास की और उत्साह की। आपका उल्लास होगा ज्ञानप्राप्ति करने का, तो ही आप अध्ययन कर सकोगे। अध्ययन किया हुआ होगा तो ही आप ज्ञान को विज्ञान बना सकोगे। ऊहअपोह करके तत्त्वनिर्णय तक पहुँच पाओगे। बुद्धि का आठवाँ गुण जो 'तत्त्वाभिनिवेश' है, वहाँ तक पहुँच सकोगे। तत्त्वज्ञान जब निःशंक हो जाता है, शंकारहित होता है, तब उस तत्त्वज्ञान का अभिनिवेश हो ही जाता है। 'यह तत्त्व ही सही है,' ऐसा निर्णय हो जाता है। परन्तु बात है बुद्धि की! बुद्धि होनी चाहिए, बुद्धि का प्रकर्ष होना चाहिए | बुद्धि का प्रकर्ष नहीं है, परन्तु प्राप्त करना है बुद्धि का प्रकर्ष, तो प्राप्त कर सकते हो। इसी ग्रन्थकार आचार्यदेव ने उपाय बताये हैं अपने दूसरे एक ग्रन्थ में। बताऊँगा आपको कभी। श्रेष्ठ बुद्धि प्राप्त कर के आप जिनवचनों को समझें, विश्वास करें और अपनी आत्मा को विशुद्ध करने का प्रयत्न करें, यही मंगल कामना। आज बस, इतना ही। For Private And Personal Use Only

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