Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 229
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२१ प्रवचन-९४ ० पैसा होना, संपत्ति होना सुख है; परन्तु व्यवसाय चोरी का है, अनीति का है, घोर हिंसा का है, तो पैसे का सुख निंदनीय कहलायेगा। परंतु यदि व्यवसाय न्याय-नीतिपूर्ण है, वंशपरंपरागत सुयोग्य है, तो वह सुख प्रशंसनीय है। ० संतान होना सुख है, परन्तु संतान उद्धत है, अविनीत है, मूढ़ है, तो वह सुख निंदनीय कहलायेगा। संतान यदि विनीत है, बुद्धिशाली है, विवेकी है, तो वह सुख प्रशंसनीय कहलायेगा। चूंकि दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी - 'यह भाई पुण्यशाली है, सुखी है, कैसी अच्छी संतानें हैं!' यदि संतान अविनीत है तो लोग निन्दा करेंगे - 'इसके लड़के कैसे दुष्ट हैं, दुराचारी हैं....' जिस सुख की लोग प्रशंसा करें वह सुख प्रशंसनीय और जिस सुख की लोग निंदा करें वह सुख निंदनीय समझना । ___ आप ही क्या, सभी लोग प्रशंसनीय सुख चाहते हैं, परंतु प्रशंसनीय सुख पाने के उपाय सभी लोग नहीं जानते हैं। जो लोग उपाय जानते हैं, उनमें से बहुत थोड़े लोग उन उपायों को कार्यान्वित करते हैं। वर्तमान समय में मुझे तो आपके ज्यादातर सुख निंदनीय ही लगते हैं | चूँकि पूर्वजन्म में आपने गृहस्थ जीवन के सामान्य धर्मों का पालन नहीं किया होगा | यदि किया होता पालन, तो आपको प्रशंसनीय सुख मिलते। __सभा में से : हम तो इस जीवन में भी सामान्य धर्मों का पालन नहीं कर रहे हैं......। तो फिर क्या होगा? ___ महाराजश्री : तो आनेवाले जन्म में कैसे सुख मिलेंगे, समझ गये न? प्रभुपूजन वगैरह विशेष कोटि के धर्मों का पालन करने से पुण्यकर्म बंधता है। पुण्यकर्म के उदय से सुख भी मिलते हैं, परन्तु वे सुख तभी प्रशंसनीय मिलेंगे, जब आपने सामान्य धर्मों का पालन किया होगा। ___ जो मनुष्य विशेष धर्मों का पालन नहीं करता है और सामान्य धर्मों का पालन भी नहीं करता है, उसकी बात नहीं है। चूंकि उसको सुख मिलता ही नहीं है | सामान्य या विशेष, किसी भी प्रकार का धर्म नहीं करता है, पापमय जीवन जीता है, उसको तो दुःख ही मिलते हैं। यहाँ अपनी बात चलती है विशेष धर्म करनेवालों की जो कि सामान्य धर्मों का पालन नहीं करते हैं। सामान्य धर्म क्या है? ० परमात्मा की पूजा करते हैं, परंतु माता-पिता का अनादर-तिरस्कार करते हैं। For Private And Personal Use Only

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