Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 248
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-९६ २४० मार्गदर्शन दिया है। आज के विषम युग में तो इस ग्रंथ की उपादेयता काफी बढ़ गई है। समय कैसा नाजुक है : कितना विषमकाल है अभी का । न्याय-नीति से धन कमाने की बात हवा बनकर उड़ गई है। मनुष्य असंख्य गलत मार्गों से धन कमाने का पुरुषार्थ कर रहा है। हिंसा-भरपूर व्यवसाय करने में वह हिचकता नहीं है, असत्य बोलना मामूली बात हो गई है। चोरी तो देशव्यापी-विश्वव्यापी हो गई है। 'परिग्रह पाप है, यह बात संपूर्णतया भुला दी गई है। श्रीमंत बनने के लिए, वैभवशाली बनने के लिए मनुष्य देशद्रोह भी करता है, राष्ट्र को नुकसान पहुँचानेवाले धंधे भी करता है। विवाह-शादी में कोई औचित्य देखा नहीं जाता है। अन्तरजातीय और अन्तरराष्ट्रीय विवाह होने लगे हैं। परिणाम कितना दुःखदायी आया है - यह बात आप भलीभाँति जानते हो। पारिवारिक क्लेश, झगड़े, मनमुटाव बढ़ते जा रहे हैं। दुराचार-व्यभिचार का प्रमाण बहुत बढ़ गया है। सदाचारों के पालन के प्रति घोर उपेक्षा हो रही है। सदाचारी पुरुषों का अवमूल्यन हुआ है। इससे समाजों में द्वेष, ईर्ष्या और निंदा फैल रही है। सामाजिक वातावरण विषैला बन गया है। छोटे-बड़े की मर्यादाओं का पालन नहीं हो रहा है। सभी क्षेत्रों में मर्यादाओं का उल्लंघन हो रहा है। ऐसी विषम परिस्थिति में 'धर्मबिंदु' ग्रन्थ कितना महत्त्व रखता है, यह कोई समझने की बात है? दिशाशून्य बनकर भटक रहे जीवों को 'धर्मबिंदु' का यह प्रथम अध्याय दिशा बताता है सुखी जीवन की, शान्तिमय जीवन की। आप लोगों में से अनेकों ने अनुभव किया होगा इस चातुर्मास में कि इस प्रथम अध्याय के प्रवचन सुनने से कितनी शान्ति मिली और कैसी नयी जीवनदृष्टि मिली। जिनशासन के ज्ञानी पुरुषों ने संघ के लिए कैसी उत्तम परंपरा स्थापित की है! चातुर्मास में जहाँ-जहाँ भी साधुपुरुष स्थिरता करते हैं वहाँ प्रतिदिन धर्मग्रन्थ पर प्रवचन होता रहता है। वह धर्मग्रन्थ चाहे 'आगम' हो या सुविहित आचार्यविरचित ग्रन्थ हो। उस 'आगम' अथवा ग्रन्थ का अर्थ, भावार्थ और विवेचन किया जाता है | व्याख्यान करनेवाले अपने-अपने क्षयोपशम के अनुसार विवेचन करते हैं। आगम की बातों को समझाने के लिए अनेक तर्क दिये जाते For Private And Personal Use Only

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