Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 244
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-९५ ___२३६ My dear Father, I love you! पिताजी, मैं आपसे प्रेम करता हूँ।' पिता ने अखबार को दूर पटक दिया, वे खड़े हो गये और टोम को अपनी छाती से लगा लिया । टोम के पिता ने टोम से पहली बार ही ऐसे शब्द सुने थे। टोम के मुँह पर अपूर्व शान्ति छा गई। ___ उसी दिन जिमी उसको मिलने के लिए आया । टोम जिमी को देखते ही उससे लिपट गया। Jimmi, I belive in God! Love is God! जिमी, मैं परमात्मा को मानता हूँ। जिमी, प्रेम ही परमात्मा है न? मैं सबसे प्रेम करता हूँ। सचमुच जिमी, प्रेम महान है। आज मैं कितना खुश हूँ? चूँकि आज मैंने पिताजी से प्रेम किया! माँ से प्रेम किया, घर में सबसे प्रेम किया.... सब ने मुझे हृदय से प्रेम दिया! जिमी, तू अपनी क्लास में सभी विद्यार्थियों को कहना कि : 'टोम तुम सबसे प्रेम करता है। कहोगे न जिमी? अब मैं तो घर से बाहर भी नहीं निकल सकता हूँ.....।' जिमी ने टोम के दोनों हाथों को अपने हाथों में लेकर कहा : 'टोम, मैं अवश्य उन सभी को कह दूँगा - टोम तुम सबसे प्रेम करता है....।' पीड़ा परमात्मा के निकट ले जाती है : __ कैन्सर का रोग टोम के लिए निमित्त बन गया आस्तिक बनने में । निमित्त ने उसके हृदय को मैत्रीभावना से भर दिया । उसके हृदय में किसी के भी प्रति द्वेष नहीं रहा। मृत्यु के बोध ने टोम को संवेदनशील बना दिया। उसके बंद हृदयद्वार खुल गये और उसमें परमात्मा का प्रवेश हो गया। भले, कैन्सर की व्याधि ने उसके प्राण ले लिए परंतु टोम की आत्मा शान्ति लेकर, मैत्रीभाव लेकर परलोक में गई। ग्रंथकार आचार्यदेव कहते हैं कि संसार की सभी प्रकार की संपत्ति को असार मानो, दुःखदायी मानो। ऐसा मानकर संपत्ति का ममत्व तोड़ो। ममत्व टूटेगा तो ही धर्म-सामान्य धर्म की आराधना हो सकेगी। ममत्व टूटता है मृत्यु के चिंतन से। ईरान का बादशाह 'झर्कसीस' यूनान पर विजय करने के लिए २,३०,००,००० की सेना लेकर चला। रास्ते में एक पहाड़ पर चढ़कर बादशाह ने अपनी विराट सेना का अवलोकन किया। उसके मन में विचार आया : 'सौ वर्ष के बाद इन दो करोड़ तीस लाख की सेना में से एक भी सैनिक नहीं होगा। मौत सबको निगल जायेगी.... तो फिर यह युद्ध किसलिए?' उसकी आँखें गीली हो गई, राज्य के प्रति वैराग्य पैदा हो गया। वह वापस ईरान चला गया। For Private And Personal Use Only

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