Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 234
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-९४ २२६ 'मैं ये फल नहीं खा सकता।' 'लेकिन क्यों?' साथियों ने पूछा। 'चूंकि अनजान फल नहीं खाने की मेरी प्रतिज्ञा है।' 'हम तो खायेंगे.....जोरों की भूख लगी है।' वंकचूल ने वे फल नहीं खाये, साथियों ने खाये..... मधुर लगे | परंतु खाने के बाद सभी सो गये। ऐसे सोये कि कभी जगे ही नहीं। मर गये सभी । वे फल जहरीले थे। वंकचूल अपने साथियों की मौत पर रो पड़ा । उसको गुरुदेव याद आये। उसने भाव से गुरुदेव को वंदना की। 'गुरुदेव, आपने मुझे दूसरी बार भी बचा लिया।' उसकी धर्मश्रद्धा ज्यादा पुष्ट हुई। गुरुदेव के उपकार को पुनः पुनः गद्गद् मन से याद करने लगा। उपकारी के उपकारों को याद करना, यह भी महत्त्वपूर्ण धर्म है। वंकचूल में ऐसे मौलिक धर्म एक-दो नहीं, अनेक थे। अपने साथियों की मौत से वंकचूल का मन चोरी के कुकर्म से विरक्त बना। परंतु साथियों के परिवारों का पालन करने की जिम्मेदारी वह समझता था। उसने सोचा : 'अब एक ऐसी चोरी कर लूँ कि फिर कभी भी चोरी नहीं करनी पड़े। राजमहल में ही ऐसी चोरी हो सकती है।' वंकचूल रानी के सामने : ___ वह राजमहल में चोरी करने जाता है। वहाँ वह गलती से रानी के शयनखंड में पहुँच जाता है। रानी जग जाती है। वंकचूल का रूप और चातुर्य देखकर उस पर मोहित हो जाती है। रानी ने वंकचूल से प्रेम की याचना की। वंकचूल को अपनी प्रतिज्ञा याद आ गई। उसने रानी से कहा : 'क्षमा करना देवी, मैं आपको मेरी बहन मान सकता हूँ, परंतु आपसे प्रेम नहीं कर सकता।' रानी ने वंकचूल से बहुत अनुनय किया परंतु वंकचूल नहीं माना, तब रानी ने चिल्ला कर सैनिकों को बुलाया और वंकचूल को पकड़वा दिया। दूसरे दिन राजसभा में राजा के सामने उसने अपना अपराध कबूल कर लिया : 'मैं चोरी करने राजमहल में आया था।' राजा ने खड़े होकर वंकचूल के बंधन खोल दिये और उसको धन्यवाद देते हुए कहा : 'तू चोर होगा, परंतु मेरी दृष्टि में तो महात्मा है। मैंने रात्रि के समय मेरी रानी के साथ तेरा जो वार्तालाप हुआ था, वह सुना था । तू पराक्रमी है, मैं तुझे मेरे राज्य का सेनापति बनाना चाहता हूँ। अब तुझे चोरी करने की जरूरत नहीं है। तू यहीं पर रह जा।' For Private And Personal Use Only

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