Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 201
________________ 150 Vodăngas तत्सुनुर्जयदेवयेतमकरो प्रभोदधी विक्रमे भूरामाद्रिधरा १७३१ मिते शक इते मच्छादिभे केकुजे ॥ ३७॥ ! Ends (Comm.) - fol. 23a तत्पुत्रो गोविंदपुत्रो धारेश्वरो नाम भूसुरो ब्राह्मणोभूत् किं भूतः धरणीसुरोचितकरः ब्राह्मणोक्तः कर्मकृत् पुनः किंभूपालकृपालसत्पृथुयशा राजकृपया विख्यातबहुकीर्ति पुनः स श्रीशांघ्रिशेवास्तः । हरिचरणसेवनतत्परतत्सूनुर्धारेश्वरपुत्रो जयदेव एतं प्रभोदधी चक्रमे ।। शाके भूरामाद्रिधरानिर्मिते १७३१ इते गते माघासितके माधवद्यद्वितीयायां प्रश्नोदधी करोत् ॥ इति श्रीमदारेश्वरात्मजजयदैवज्ञविरचितप्रश्भनिधि समाप्तं ॥ ॥ शके १७२२ रौद्राब्दे नभासिते १९ मजेदं पुस्तकं संपूर्ण ॥ ॥ राम ॥ ॥छ Reference - Mss. - A - Aufrecht's Catalogus Catalogorum :- i, 3589.. प्रश्नभैरव Praśnabhairava 709 No. 736 1883-84 Sizo — 7 in. by 41 in. Extent -15 leaves%3; 11 lines to a page3B Description - Country paper ; Devanagari characters%3; not very old in appearance%3; handwriting clear, legible and uniform; bor. ders and edges ruled in double red lines%3 complete. This work appears to be different from the use of Gangadhara. Age - Saka 1744. -Author - Not mentioned. Subject -Jyotisa. Begins -fol. 10 ॥श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीदेवी । श्रीलक्ष्मीनृसिंहाय नमः॥ भय प्रभभैरवो लिख्यते ॥ तत्रादौ स्वरप्रश्नः॥ . नाडि तु वामा हिमदोधिते स्यात् स्याद्भास्करी दक्षिणनाटिका । चंद्रस्य नाव्यामधवानाध्यामतः समीरः प्रविशेत्पश्यं ॥१॥

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