Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 290
________________ Jyotiga 279 हर्षस्त्रीसुखलब्धयोसुरगुरौर्दैन दिनैदवविद्राज्ञां सम्यगिदं विचार्य दिनचर्यायां फलं त्वादिशत् । सू ५।३ चंद्र ३ मही ३ रा ८३ वृ०.३ श ८३ बु ४३ के ३।३० ४१० पो. ....... घटी ६० इति दिनफलं ॥ बृहद्रमलपुस्तकं समाप्तं ॥ छ शके १७१२ साधा - रणनाम संवत्सरे अधिक आषाढ वद्यद्वादशी शुक्रवारेदं पुस्तकं ...... लिखितं समाप्तं ।। छ। ब्रह्मव्यवहार Brambavyavahāra 955 No. 819 1886-92 Size - 10 in. by 5} in. Extent -4 leaves; 16 lines to a page%3; 30 letters to a line. Description - Country paper; Devanagari characters; old in appear. ance; handwriting clear and legible but not quite uniform; ...... red pigment used for verse-numbers%3 left hand edges torn, moth-eaten; complete. Age-Appears to be old. Author - Trivikrama. Begins - fol. 10 ॥श्रीगणेशाय नमः॥ नमस्कृत्य परं ब्रह्म गणकेंदुनिविक्रमः ॥ मुनिप्रणीतमखिलं व्यवहारं प्रवक्ष्यति ॥१॥ etc. Ends — fol. 4a नारायणस्य तनयो ज्ञानिहल्लानुजो द्विजः॥ त्रिविक्रमः शतश्लोक व्यवहारममुं व्यधात् ॥१०॥ क्षेपकोयं ॥ किंचित्कलियुगे जाते ब्रूते ब्रह्मास्त्रिविक्रमः॥ तव जिल्हाप्रसंस्थेन शास्त्रमेतन्मया कृतं ॥ १०१॥ इति त्रिविक्रमकृतौ ब्रह्मण्यवहारः ॥ शुभमस्तु । Reference - See No. 167/A1883-64.

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