Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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Vedingai
Description - Country paper; Devanagari characters; handwriting
clear, legible and uniform; borders ruled in triple red lines%3B red pigment used for verse-numbers and colophons; folios numbered in both margins ; complete.
The work is also called Tājikamagittha or Tājikagrantha,
Age - Samvat 1798 : Saka 1663. Author - Mapitthacarya. Begins - fol. 10
श्रीगणेशाय नमः ॥ अथ ताजिकमणिस्थ लिख्यते॥ पूर्व प्रणम्येश्वरपादपद्मं ततो भवानी गणनायकं च ॥
करोमि रम्यं फलमत्र हायनं भवंति तज्ञा विदितेन येन ॥१॥ etc. fol. 60 इति श्रीमणिस्थाचार्यकृते वर्षफलं संपूर्ण ॥ छ॥ Ends - fol. 8a
मंदे जलाश्रयमहीरुहरोपकर्म वाणिज्यकृष्यवनिलब्धधिपोधिवीयें। मध्ये तु मध्यमधमे तु सुहृद्विपत्ति . कष्टं क्रियाविफलतानिलरुविकाराः ॥ १०४॥
इति वर्षेशानां फलं ॥ इति श्रीमणिस्थाचार्यविरचिते मणिस्थताजिक समाप्तः ॥छ॥
संवत् १७९८ वर्षे शाके १६६३ प्र. प्रथम श्रावणमासे शुक्लपक्षे तियो दशमि १० रविवासरे अह श्रीसिंहपुरवास्तव्यं उदिच्यसहस्रज्ञातियपंडा. इरिस्यात्मजपंडादेवाकरसुतरत्नेश्वरेण लिषितं ॥ इदं पुस्तकं । भारमपठनार्थ ॥ शुभं भवतु ॥छ ॥ कल्याणमस्तु ॥छ॥ श्रीरस्तु ॥छ॥ लेषकपाठकयोः॥ मंगलमस्तु ॥छ॥छ॥श्री॥छ॥ यादशं पुस्तकं ............ दोषो न दीयते ॥१॥अथ पंचाधिकारिणः॥ followed by some verses.
References - Mss. - A - Aufrecht's Catalogus Catalogorum :- 1, 2276
(the present Ms.); ii 48a. B- Descriptive Catalogues :- I. O. Cat. No.
.061.
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