Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 249
________________ 238 Ends - fol. 20 safe विधूचक ९ कलिकोनाज्वस्तमस्त्वार्यजोस्तेभ्यस्याग्रहणादिदेशममीयं प्रोक्ता मया सा तिथी याह्यामंगलधर्मनिर्णय विधा येषां यथाद्रक समा यापक्षा यदि चालितो पकरणैस्तत्पक्षजास्या तिथी २२ इति श्रीमद्गुणेशसुरिविरचिता पंचांगसाधने बृहत्तिथीचिंतामणी संपूर्णा सकोष्टकास्ति स्वस्ति श्री ॥ संवत् १८७९ शाके १७४५ द्वीतीया चैत्रवदि ६ Then follow different Kosṭakas from fol. 3 to the last fol. (29th). fol. 10b (316) इति बृद्दतिथीचिंतामणौ तिथीवारादि नक्षत्र वारादियोगवारादिकोष्टका संपूर्णा सं १८७९ शाके १७४४ प्र० प्रथम चैत्रवदि १४ गुरौ ल. अमीचंदनेन अयं प्रतिः अभयशंकरस्यार्थः ॥ बृहश्चिन्तामणिसारणी No. 783 Size - 87 in. by 4 in. Extent - 251 leaves. Vedängde Age — Saka 1682. - Author - • Not mentioned. Subject Jyotisa. Begins abruptly - fol. 9a - Description Modern paper with watermarks; borders ruled in double red lines ; foll. 1-8 missing; the entire Ms. consists of different kinds of Koşṭakas; incomplete. The Ms. is written by one Viśvanathadaivajña. Bṛhaccintamanisāraṇī Ends - fol. 259b The entire Ms. consists of different Koşṭkas. 901 1884-87 2 श्रीशके १६८२ विक्रमसंवत्सरे । माघशुद्ध द्वितीया भृगुवासरे शततारका नक्षत्रे कुवेशिग्रामे श्रीरामेश्वरसंनिधौ श्रीलक्ष्मिनृसिंहसंनिधौ इदं पुस्तकं विश्वनाथदैव शेन इदं पुस्तकं लिखितं श्रीगजाननार्पणमस्तु ॥

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