Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 257
________________ 246 Vedāngas Extent - 147 leaves; 15-16 lines to a page ; 40-42 letters to a line. Description - Country paper ; Devanāgari characters; not very old in appearance%3; handwriting clear, legible and uniform; borders ruled in double red lines%3; red ink used for dandas; the Ms. contains the text and the commentary; foll. 105 and 106 miss ing; otherwise complete. Age-Samvat 1890. Author of the Text - Varāhamihira. " , Comm. - Bhattotpala. Subject — Jyotiga. Begins (Text)-- fol. 3a मुर्तित्वे परिकल्पितः etc. as in No. 177/A1882-83. Begins (Comm.)- fol. 1a श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ ब्रह्माजशंकररवींदुकुजज्ञजीवशूक्राऽर्कपुत्रगणनाथगुरुन् प्रणम्य ॥ यः संग्रहोद्युचरलाभविशुद्धबुद्धरायंतिकस्य तमहं विवृणोमि क्रत्स्नं १etc. Ends (Text) - fol. 148 पृथुविरचितमन्यैः etc. up to नमोऽस्तू पूर्वप्रणेतृभ्यः ९ Ends (Comm.)- fol. 148b दिनकरोऽर्कस्तदादिका सर्व एव ग्रहाः मुनयो वसिष्ठादयः गुरूरादित्यदासस्तेषां चरणेषु प्रणिपातकरणेन पादनमनेन नमस्कारकरणेन यत्कृतः प्रसादमतिः प्रकाशमतितेन मतिना एताद्रशेन समयां इदं शास्त्रं उपसंग्रहितं संक्षिप्तीकृतं तस्मात् पूर्वप्रणेतृभ्यः पूर्वशास्त्रकारिभ्यः नमोऽस्तु नमस्कारोऽस्तु इति श्रीमद्भट्टोत्पलविरचितायां बृहज्जातकटीकायां उपसंहारो नाम पद्विषोऽध्यायः २६ मूलश्लोकसंख्या ४०५ श्रीटिकायां श्लोकसंख्या ५०० स्वस्ति श्रीमन्नृपविक्रमाऽकराज्यसमयातीत् संवत् १८९० अषाढादिक् १९ वर्षे श्रीमद्विक्रमशकाऽनुवर्ति - श्रीभद्भूपति - श्रीशालिवाहनकृतशके १७५६ प्रवर्त्तमाने चैत्रवदी ७७० गुरौ मेषसंक्रांतर्गतांशा २५ तददिने लेखने पूर्णोऽ जातो ग्रंथभट्टोत्पलसंज्ञिकः उदिच्यटोलकज्ञाति - नूतनग्रामभट्ट इत्यवटीकाकितनटपुरनिवासकश्रीरनेकोच्चितश्रीमदरणीधरस्तत्पौत्रेणाऽभयशंकरेण मंद. बुद्धिना लिखितोयं स्वात्मपठनाथ भट्टोत्पलः श्रीमदक्षिणामूर्तिसहितश्रीवाला. त्रिपूरसंवरिकृदयारदितोयं श्रीरस्तू श्रीवर्हिचरांबादेव्यै नमः नमः श्रीय

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