Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 03
Author(s): P D Navathe
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 278
________________ Jyotiga 267 भानोः पापदशा करोति विफलोद्योगार्थहान्यामथा राजक्षोभमहीशकोपजनकारिष्टानिबाधोदयान् ५ etc. fol. 5a इति श्रीबृहत्पाराशहोरापूर्वखंडसारांशे सूर्यांतरदशाफलकथनं नामाष्टा. दशोध्यायः १८ fol. 8a इति............चंद्रांतरदशाफलकथनं नाम एकोनविंशतितमोध्यायः १९ Ends -fol. 32a प्रमेहकर्म आरोग्यं नानामार्गे धनव्ययं ॥ भार्यापुत्रविरोधश्च गमनं कार्यनाशनं ॥७२ ॥ द्वितीय ... ननाथे तु देहबाधा भविष्यति ॥ तदोषपरिहारार्थ मृत्युंजयजपं चरेत् ॥ ७३ ॥ छागदानं प्रकुर्वीत सर्वसंपत्प्रदायकं ॥ ७४ ॥ इति श्रीबृहत्पाराशरहोरापूर्वखंडसारांशे भृगोरंतर्दशाफलकथनं नाम . पदविंशोध्यायः २६ बृहत्पाराशरी Bphatpārāsari (पूर्वभाग) (Purvabhāga) 839 No. 809 1887-91 Size -73 in. by 10 in. Extent -32 leaves; 24 lines to a page%3; 32 letters to a line. Description - Modern paper with watermarks; Devanagari characte. rs: new in appearance; handwriting small but clear, legible and uniform ; red pigment used for topical headings and colophons%; the Ms. contains portion up to अरिष्टाध्याय. Age - Modern. Author - Not mentioned. Begins - fol. 1a ज्योतिष पूर्वपाराशर्य प्रारंभः॥ मनोहरदयादृष्टिमंदहासलसन्मुखः मंगल्लायसदा सर्वमंगल्लाजानिरस्तु नः मेषोक्षनरयुः कर्की सिंहकन्यातुलादयः धनुर्नघटोमाना इति द्वादश राशेयः etc,

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