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श्री बृहद्विद्वद्गोष्ठी
।। श्री गोडीपार्श्वनाथाय नमः ।। श्री सौधर्मबृहत्तपोगच्छीय स्वच्छाम्बरविहारिसुविहितसूरिकुलतिलकसर्वतन्त्र स्वतन्त्र शासन सम्राट-परमयोगिराज जङ्गमयुगप्रधानजगत्पूज्य गुरुदेव श्री श्री १००८
श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वरचरणारविन्दसेवा-हेवाक-व्याख्यानवाचस्पतिमुपाध्याय श्रीयतीन्द्रविजयेन (श्रीयतीन्द्रसूरीश्वरेण) संस्कारिता
|| श्री बृहद्विद्वगोष्ठी ॥
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