Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana

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Page 449
________________ बन्धने २४९ मुवै मय २५० गु उद्यमे २५१ पिवु मिवु निवु सेचने २५२ हि दिवु जिवु प्रीणने २५३ इवु व्याप्तौ च २८१ लस २५४ अव रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्य- २८२ धरलं वगमनप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचन- २८३ हसे क्रियेच्छादीप्यवाप्यालिङ्गनहिंसादहनभाववृद्धिषु २५५ कश २५६ मिश मश २५७ शश २५८ णिश २५९ श्रृं २६० दंशं २६१ घुष्ट २६२ चूष २६३ तूष २६४ पूष २६५ लूष मूष २६६ षूप २६७ ऊष २६८ ईष २६९ कृषं २७० कष शिष जष रुष रिष यूष हिंसायाम् शब्दे रोषे च प्लुतिगतौ समाधौ प्रेक्षणे दशने शब्दे पाने तुष्ट वृद्धौ स्तेये प्रसवे रुजायाम् उँछे विलेखने झष वर्ष मष जूष शष संघाते च भर्त्सने २७९ वृष २७२ भष २७३ जिषू विषू मिषू निषू पृषू सेचने ४४३ अलीके पुष्टौ अलङ्कारे २७९ भूष तसु २८० तुस हस हस रस शब्दे २७४ मृषू सहने च २७५ उषू श्रिषू श्लिषू पुषू प्लुषू दाहे २७६ घृषू सङ्घर्षे २७७ हृषू २७८ पुष अदने हसने २८४ पिस पेट वेसृ गतौ २८५ शस् २८६ शंसू २८७ मिहं २८८ दहं २८९ चह श्लेषणक्रीडनयोः २९३ बृद्दृ बृह॒ २९४ उद्दृ तुड्ढ दुड्ढ २९५ अर्ह मह २९६ उक्ष हिंसायाम् स्तुतौ च सेचने २९० रह २९१ रहु २९२ दृह दृहु बृह वृद्धी १ गा २ मि भस्मीकरणे कल्कने त्यागे गतौ शब्दे च अर्दने २९७ रक्ष २९८ मक्ष मुक्ष २९९ अक्षौ ३०० तक्षौ त्वक्षौ ३०१ णिक्ष मुष | ३०२ तृक्ष स्तृक्ष णक्ष गतौ चष ३०३ वक्ष रोषे ३०४ त्वक्ष ३०५ सूक्ष् ३०६ काक्षु चाक्षु माक्षु कांक्षायाम् वृषू | ३०७ द्राक्षु भ्राक्षु ध्वाक्षु घोरवासिते च इति परस्मैभाषाः । पूजायाम् सेचने पालने सङ्घाते व्याप्तौ च तनूकरणे चुम्बने त्वचने अनादरे गतौ ईषद्धसने

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