Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana
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पृष्ठम्
| पृष्ठम् सूत्रम् ९७६ चन्द्रयुक्तात्-क्ते ॥६॥६॥ ४१९ छाशोर्वा ॥१२॥ ११५ चरकमा-नञ् ॥७॥१॥३९॥ २१२ छेदादेर्नित्यम् ॥१८॥ १३८ चरणस्य स्थेणो-दे ॥३२१११३८॥ २०१ चरति ॥६॥४॥११॥
२५२ जङ्गल-वा ॥४॥२४॥ ३५५ घरफलाम् ॥४३१५३॥
१६९ जण्टपण्टात् ॥६।१।८२॥ ४०१ चराचरचला-वा॥४॥१३॥
| ४३६ जनशोन्युपान्त्ये क्त्वा ॥४॥२३॥ ३९३ चरेराङस्वगुरौ ॥५॥१३१॥
३५६ जपजभदहदश-शः ॥४॥५२॥ ४११ चरेष्टः ॥५।१११३८॥
१५८ जपादीनां पो वः ॥२३३१०५॥ २१७ चर्मण्यञ् ॥१॥४५॥
२९० जभः खरे ॥४॥४१०॥ २२८ चर्मण्वत्य-त् ।।२।११९६॥
१८८ जम्ब्या वा ॥६॥३०॥ १७२ चर्मिवर्मि-रात् ॥१११२॥
१९७ जयिनि च ॥६३।१२२॥ ३७६चल्याहारार्थेड्-नः॥२१०८।।
२१३ जरत्यादिभिः ॥२१॥५५॥ १४१ चवर्गद-रे ॥१३॥९८॥
४६ जरसो वा ॥१०॥ ३५. चहणः शाव्ये ॥४२॥३१॥ १०८ जराया ज-च ॥७३९॥ १९७ चातुर्मास्य न्-चा ॥१८॥ ३० जस इ. ॥१४॥९॥ ४ चादयोऽसत्त्वे ॥११॥३१॥
३४ जस्येदोत् ॥१४॥२२॥ १५ चादिः-नाडू ॥शरा३६॥
५६ जखिशे-नये ॥२१॥२६॥ १३७ चार्थे द्वन्द्रः सहोक्तौ ॥११११७॥ ४२३ जागुः ॥रा४८॥
५५ चाहह वैवयोगे ॥२२॥२९॥ ३०७ जागुः किति ॥४॥३॥६॥ ४३२ चितिदेहा-देः ॥५३७९॥ ४३३ जागुरश्च ॥५।३।१०४॥ ३४९ चित्ते वा ॥४॥४१॥
३०७ जागुर्बिणवि ॥४॥५२॥ १९६ चित्रारेवती-याम् ॥६॥२१०८॥ २८४ जाग्रुषसमिन्धेर्नवा ॥२४॥४९॥ १९४ चिरपरुत्प-स्त्रः॥६॥२८॥ ३२२ जा ज्ञाजनोऽत्यादौ ॥४।१०४॥ ३४७ चिस्फुरोर्नया ॥४॥२॥१२॥ १४५ जातमहदू-यात् ॥७३९५॥ ३३६ चुरादिभ्यो णिच् ॥२४॥१७॥ १३६ जातिकालसुखा-वा ॥३।१।१५२॥ २०१ पूर्णमुद्गा-णौ शिक्षा
१२८ जातिश्च णितद्धि-रे ॥३२॥५१॥ ३२४ धेः किर्षा ॥ ३६॥
१२३ जातीयैकार्थेऽच्वैः ॥३॥२॥७॥ २२० चौरदेः ॥७॥१७॥
३८८ जातुयधदायदौसप्तमी ॥५॥१७॥ ३६२ च्य भृशादेः स्तोः ॥२९॥
२४० जातेः सम्पदा च ॥७२।१३९॥
८२ जातेरयान्त-त् ॥२४५४॥
१७५ जाती ॥४॥५८॥ २१७ छदिबले रेयण ॥७१॥४७॥ १७० जातौ राज्ञः ॥६॥॥१२॥ ४१९ छदेरिमन कौ ॥४॥३३॥ १२५ जात्याख्यायां-वत् ॥२।२।१२१॥ ४३१ छन्दोनामि ॥५॥२७॥ १४०५ जायाफ्तेश्चि-ति ॥५॥१८॥

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