Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana
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४८१
सूत्रम् २९१ जेरनिटि ॥४॥८॥ ३९२ वो ॥२३३८८॥ २१३ णोऽन्नात् ॥ १०॥ ३४७ जौक्रीजीडः ॥४ारा१०॥ ३४८ गोडसनि ॥४।१८८॥ ४१८ जौदान्तशान्त-सम् ॥४॥४॥७४॥ ३४९ णौ मृगरमणे ॥४ारा५१॥ ३४७ णौ सन्डे वा ॥४॥४॥२७॥ २१५ ण्योऽतिथेः ॥२४॥
५६ तः सौ सः ॥१४॥ २८५ तक्षः खार्थे वा ॥२४७७॥ १७८ तत आगते ॥६३।१४९॥ ११ ततोऽस्याः ॥१॥३४॥ १८ ततो ह-र्थः ॥२३॥ १४७ तत्पुरुषे कृति ॥२२॥२०॥ २१७ तत्र ॥७॥५३॥ १९५ तत्र कृतलब्ध-ते ॥६॥३॥९॥ ४१९ तत्र कसुकानौ-त् ॥५॥२॥ २२३ तत्र घटते-ष्ठः ॥१११३७॥ २०५ तत्र नियुक्ते ॥६४७४॥ २१४ तत्र साधौ ७२१५॥ १३० तत्रदायमि-वः ॥ २६॥ २४० तत्राधीने ॥२॥१३२॥ ११४ तत्राहोरात्रांशम् ॥२१॥९॥ १७७ तन्त्रोद्धृते पात्रेभ्यः ॥६।२।१३८॥ २६१ तत्साप्यानाप्या-श्व ॥२॥२२॥ २१७ तद् ॥७॥५०॥ २७ तदः से:-थों ॥२४॥
५ तदन्तं पदम् ॥१४२०॥ १८३ सदनास्ति ॥६ारा७०॥ ११. तदर्थार्थेन ।।३।११७२।। २०४ तदस्य पण्यम् ॥६४॥५४॥ २२८ तदस्य सं-तः॥७१।१३८॥
चं. प्र.६१
| पृष्ठम् सूत्रम्
२२८ तदस्यास्त्य-तुः ॥२१॥ १२९ तद्धित स्वर-रे ॥३॥२॥५५॥ १६२ तद्धितयखरेऽनाति ॥२४१९२॥ २२९ तद्धिताकको ख्याः ॥शरा५४॥ १५९ तद्धितोऽणादिः ॥६॥१॥ १०२ तद्भद्रायुष्य-षि ॥रारा६६॥ २०६ तद्यात्येभ्यः ॥६४॥८७॥ २३७ तद्वति धण् ॥७२।१०८॥ १८१ तद्वेत्त्यधीयते ॥६।११७॥ ३७९ तनः क्ये ॥४ारा॥ २४६ तनुपुत्राणु-क्ते ॥ २३॥ ३५३ तनो वा ॥१०॥ २२७ सश्रादचि-ते ॥७॥१८३॥ ३३२ तन्भ्यो वा-श्च ॥४॥३२६८॥ ४०२ तन्व्य धी-तः ॥५।१६४॥ ३७९ तपः कर्चनुतापे च ॥४९॥
३६१ तपसः क्यन् ॥३४॥३६॥ 1३८२ तपेस्तपःकमेकात् ।।३।४८५॥
१४५ तप्तान्ववाद्रहसः ॥७॥३८॥ | २१२ तमहति ॥६।४।१७७॥ २३३ तमिस्रार्णवज्योत्लाः ॥१२॥५२॥ २११ तंपचतिद्रोणाद्वाञ् ॥६४१६१॥ २०७ तं भाविभूते ॥६॥४।१०६॥ २४४ तयोः समू-धु ॥२३॥ २०१ तरति ॥६॥४॥२॥ १३९ तरुतृणधान्य-त्वे ॥३।१।१३३॥ ५३ तव मम उसा ॥२१॥१५॥ १६ तवर्गस्य श्च-गौ ॥१॥३॥६०॥ ३९१ तव्यानीयौ ॥॥१॥२७॥ १९९ तसिः ॥६॥२१॥ २०७ तस्मै भृता-च ॥६।४।१०७॥ २०६ तस्मै योगादेः शक्ते ॥६४९४॥ | २१६ तस्मै हिते॥७॥३५॥ २१८ तस्य ॥१॥५४॥

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