Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana
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मसहने
१०६ चलण् भृतौ
| १३८ शब्णू
उत्सर्गात् भाषा१०७ सांत्वणू सामप्रयोगे
विष्कारयोः १०८ धूशण कान्तीकरणे
आश्रवणे १०९ श्लिषण श्लेषणे
१४० आङः क्रन्दण सातत्ये ११० लुषण हिंसायाम् १४१ व्वदण् आखादने १११ रुषण
रोषे
१४२ मुदण् संसर्गे ११२ प्युषण उत्सर्गे
१४३ शृधण ११३ पमुण नाशने
१४४ कृपण अवकल्कने ११४ जसुण् रक्षणे
१४५ जभुण नाशने ११५ पुंसुण् अभिमर्दने
१४६ अमण् रोगे
१४७ चरण ११६ ब्रुस पिस जस बहण हिंसायाम्
असंशये
आप्यायने
१४८ पूरण ११७ फिलहणू लेहने
१४९ दलण् विदारणे ११८ म्रक्षण म्लेछने
१५० दिवण अदेने ११९ भक्षण अदने
१५१ पश पषण बन्धने १२० पक्षिण परिग्रहे
१५२ पुषण
धारणे १२१ लक्षीण
दर्शनाङ्कनयोः १५३ वुषण
विशब्दने इतो अर्थविशेषे आलक्षिणः । १५४ आङ
क्रन्दे १५५ भूष तमुण् अलंकारे
१५६ जसण ताडने १२२ ज्ञाण मारणादिनियोजनेषु १५७ बसण्
वारणे १२३ च्युण
सहने
१५८ वसण् लेहछेदावहरणेषु १२४ भूण
अवकल्कने
१५९ धसण् उत्क्षेपे १२५ बुक्कण भषणे
१९६० असण् ग्रहणे १२६ रक लक रग लगण् आस्वादने १६१ लसण् शिल्पयोगे १२७ लिगुण चित्रीकरणे (१६२ अर्हणू पूजायाम् १२८ चर्च
अध्ययने १६३ मोक्षण असने १२९ अंचण् विशेषणे
१६४ लोक, तर्क, रघु, लघु, लोच्च १३० मुचण प्रमोचने
विच्छ, अछु, तुजु, पिजु, हजु, १३१ अजेण् प्रतियत्ने
लुजु, भजु, पट, पुट, लुद, घट, १३२ भजण् विश्राणने
घद्ध, वृत, पुथ, नद, वृध, गुप, १३३ चट स्फुटण भेदे
धूप, कुप, चिव, दशु, कुशुस, १३४ घटण संघाते हन्त्यर्थाश्च
पिसु, कुसु, दसु, बहे, बृह, कलह, १३५ कणण् निमीलने
अहु, बहु महुण, भाषाओं १३६ यतण निकारोपस्कारयोः
इति परस्मैभाषाः। १३७ निरश्च प्रतिदाने

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