Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana
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४६७
पृष्ठम् सूत्रम्
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सूत्रम् २५४ अनीनाद-तः ॥७४॥६६॥ ११०१ अप्रत्यादावसाधुना ।।।२।१०१॥ २४७ अनुकम्पा-त्योः ॥७॥३४॥
५ अप्रयोगीत् ॥१॥१॥३७॥ ३२७ अनुनासिकेच-ट्र ॥४११०८॥ १२२ अप्राणिनि ॥७१३२११२॥ २२१ अनुपदं बद्धा ॥४१॥१६॥ १३८ अप्राणिपश्चादेः ॥२॥१३६॥ ४१७ अनुपसगाःक्षीबो-ल्लाः॥४॥२८॥१६३ अब्राह्मणात् ॥६।१।१४१॥ १८२ अनुब्राह्मणादिन् ॥६॥२।१२३॥ १८७ अभक्ष्यच्छादने वामयटकारा४६|| २१० अनुशतिकादीनाम् ॥४॥२७॥ १९९ अभिनिष्क्रामति द्वारे॥६।३।२०२॥
६ अनेकवर्णः सर्वस्य ॥७४१०७|| | २५० अभिव्याप्सौ-जिन् ।।५।२९०॥ २२७ अनोः कमितरि ॥७११८८॥ १२२७ अभेरीश्च वा ॥७११८९॥ ३७२ अनोः कर्मण्यसति ॥२८॥ २२२ अभ्यमित्रमीयश्च ।।७।१।१०४॥ १७४ अनोऽटये ये ॥४॥५॥
५२ अभ्यम्भ्य सः ॥२॥१॥१८॥ ४१४ अनोर्जनेर्डः ॥५॥१११६८॥ २३२ अभ्रादिभ्यः ॥७॥४३॥ १४३ अनोर्देशे उप ॥३।२।११०॥
५० अभ्वादे-सौ ॥१९॥ ७२ अनो वा ॥२४॥११॥
२५२ अमद्रस्य दिशः ॥४॥१६॥ ४७ अनोऽस्य ॥२।११०८॥
१०५ अमव्ययी-भावम्याः ॥
३२॥ ४३२ अन्तर्द्धिः ॥५॥३३८९॥
५५ अमा त्वामा ॥२१॥२४॥ १३१ अन्तर्बहि-नः ॥७।३।१३२॥ ३६० अमाव्ययात् क्यन् च ॥४॥२३॥ ३०५ अन्तो नो लुक् ॥४२।९४॥ १४७ अमूर्धेमस्तका-मे ॥शरा२२॥ ४१३ अन्यत्यदादेराः ॥२२१५२॥ ३४. अमोऽकम्यमिचमः ॥४॥२६॥ ४३७ अन्यथैवंकथ-कात् ॥५॥४॥५०॥
१९९ अमोऽधिकृत्य ग्रन्थे ॥६।३।१९८॥ ३६६ अन्यस्य ॥४८॥
५१ अमौ मः ॥२॥१॥१६॥ २ अन्यो घो-न् ॥१॥१४॥ ४३१ अयज्ञे स्त्रः॥५॥३॥६८॥ ३६९ अन्वाडू. परेः ॥२३॥३४॥
३८९ अयदि श्रद्धा-नवा ॥५॥४॥२३॥ १९८ अन् खरे ॥२।१२९॥
२६६ अयदि स्मृ-स्ती ॥५॥२९॥ ५९ अपः ॥१४॥८॥
५९ अयमियं पुं-सौ ॥२१॥३८॥ २ अपञ्चमा-ट् ॥११॥
३१३ अयि रः॥४॥६॥ ३६८ अपस्किरः ॥२॥३०॥
१७२ अरण्यात् पथि-रे ॥६॥२५॥ ३६८ अपाच्चतुष्पा-थै ॥४|४१५|| १८४ अरीहणादेरकण् ॥६।।८।। . ९४ अपायेऽवधिरपादानम् ॥२।२।२९॥ २३९ अरुनश्च-बी ॥७२।१२७॥ १५६ अपील्वादेवहे ॥२२८९॥
३९ अझै च ॥२॥३९॥ ६५ अपोऽभे ॥२१॥४॥
| ३४६ अतिरीन्लीही-पुः ॥ २१॥ ६५ अपोनपादपा-तः ॥६।१०५॥ | २२९ अर्थाथान्ता-त् ॥७२॥८॥ १८८ अपो य वा ॥६॥२॥५६॥ | २५२ अर्थात्परि-देः ॥४॥२०॥ १४८ अपो ययोनिमतिचरे ॥ २८॥ । १९३ अर्धाधः ॥६॥श६९॥

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