Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana
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सूत्रम्
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३०० ऋफिडादीनां डच लारा२१०४॥ ७ ऋति -वा ॥१॥२२॥
३५६ ऋमतारीः४५५॥ ३१६ ः शृदृपः ॥४४॥२०॥
३०० ऋर ललं-षु ।।१९९॥ १४३ ऋक्पूः पथ्यपोऽत् ।।७३२७६॥ २७२ ऋवर्णदृशोऽङि ॥४॥३७॥ १४४ ऋक्सामग्य-वम् ।।७।३२९७॥
३९६ ऋवर्णव्यञ्ज-ध्यण ॥५॥१७॥ १५० ऋचः शसि ॥३।२।९७॥
४१७ ऋवणेथ्यूणुगः कितः॥४४५ ९६ ऋणाद्धेतोः ।।२।२७६॥
२९४ ऋवणात् ॥४॥३॥३६॥ ८ ऋणे प्रर् ॥१॥२७॥
१९८ वर्णोवर्ण-लुक् ॥७४७१|| १९८ ऋत इकण् ॥६२१५२॥
२४७ ऋवर्णोवों -च ॥३॥३७॥ २७१ ऋतः॥४॥४॥७९॥
२७३ ऋवृव्येद इट् ॥४।४।८०॥ ३०८ ऋत: खरे वा ॥४॥३॥४३॥
१८५ ऋश्यादेः कः ॥६।२।९४॥ १४९ ऋतां विद्यायो-न्धे ॥३॥२॥३७॥
२१७ ऋषभोपा-यः॥१४६॥ ८ ऋतेतृ-से ॥१॥२८॥
४२६ ऋषिनानोः करणे ॥५२॥८६॥ ९६ ऋते द्वितीया च ॥१२११४॥
१६७ ऋषिवृष्ण्यन्धककुरुभ्यः॥६॥श६१॥ ३०२ ऋते यः ॥२४॥३॥
१२४ ऋषौ विश्वस्य मित्रे ॥७९॥ ३९ ऋतो हुर् ॥१॥४॥३७॥
३५३ ऋस्मिपूङञ्जशी-च्छः ॥४४॥४८॥ २७१ ऋतोऽत् ॥४॥३८॥
४१६ ऋहीघ्राधा-र्वा ॥४॥७६॥ ४३ ऋतो र:-नि ॥शक्ष२॥
ऋ १७८ ऋतो र-ते ॥शरा२६॥
२७२ ऋतां कितीर् ॥४।४।११६॥ ३५६ ऋतोरी ४३१०९॥
२७४ ऋदिच्चिस्तम्भू-वा ॥३४॥६५॥ ७ ऋतो वा तौ च ॥१२॥४॥
४१६ ऋल्वादेरे-प्रः ॥२४६८॥ ४३६ ऋत् तृषमृषकृश-सेट् ॥४॥२४॥ ७ ऋस्तयोः ॥१२॥५॥
८ऋत्यारु-स्य॥शश९॥ २०८ ऋत्वादिभ्योऽण् ॥६।४।१२५॥
७ लत वा ॥२॥ ६१ ऋत्विज दिश-गः ॥२१॥६९॥
९ लत्याल् वा ॥ ११॥ ५० ऋदुदितः ॥१७॥ १४९ ऋदुदित्तरतम-श्च ॥३॥६॥
२८० लदिद्युतादि-स्मै ॥२४६४॥ ३९४ ऋदुपान्त्याद-चः ॥१४॥ ३५ ऋदुशनस्यु-डोः ॥१४॥८४॥
२ तृदन्ताः-नाः ॥१७॥ ३३७ अदृवर्णस्य ॥४॥२॥३७॥ १०५ ऋद्धनदी वंश्यस्य ॥२५॥ २ ए ऐ ओ औ-रम् ।।१।१२८॥ ३५२ ऋध ईत् ॥४॥१७॥
५८ ए॥११४७७॥ २०३ ऋनरादेरण् ।६।४५१॥
१ एकद्वित्रि-ताः ॥११॥५॥ १२७ ऋन्नित्यदितः ॥१७॥ ...| २६२ एकद्विबहुषु ॥२॥१८॥

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