Book Title: Chandraprabha Hemkaumudi
Author(s): Meghvijay
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana

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Page 480
________________ पृष्ठम् | पृष्ठम् सूत्रम् १६८ कन्या त्रिवेण्या-च ॥६॥३२॥ १५४ काक्षपथोः ॥१३४॥ २१९ कपिज्ञातेरेयण् ॥१॥६५॥ २३१ काण्डाण्डभाण्डादीरः ॥७२॥३८ १६७ कपिबोधा-से ॥६॥४४॥ । ७५ काण्डात् प्रमा-वे ॥२४॥२४॥ ८१ कबरमणि-देः ॥२४॥४२॥ । २ कादियञ्जनम् ॥११॥१०॥ २९० कमेर्णिक ॥३॥४॥२॥ ३८९ कामोक्तावकचिति ॥५॥४॥२६॥ २१६ कम्बलान्नानि ॥७॥३४॥ |११० कारकं कृता ॥३१॥१८॥ ९१ करणं च ।।२।१९॥ ११९ कारिका स्थित्यादौ ॥३३शा ४१४ करणाघजो भूते ॥५।१११५८॥ १०९ कालः ॥३॥१॥६॥ ४३४ करणाधारे ।।५।२१२९॥ ३९० कालवेलासमयेरे ॥ ३३॥ २२१ कर्णादेर्मूले जाहः ॥७१८८॥ ३८६ कालस्यानहोरात्राणाम् ॥५॥४॥७॥ ९९ कर्तरि ॥२२॥८६॥ २३० कालाजदाघा-पे ||रा२३॥ ३९१ कर्तरि ॥५॥१३॥ १४५ कालात् ॥७३॥१९॥ २६२ कर्तर्यनन्यः शव् ॥४७॥ १४८ कालात्तनतरतमकाले ॥ २४॥ ३६० कर्तुः किए-ङित् ॥३॥४॥२५॥ २०७ कालात्परि-रे ॥६॥४१०४॥ ४०८ कर्तुः खश ॥५॥१११७॥ १९७ कालाद्देय ऋणे ॥६३२११३।। ४१३ कर्तुर्णिन् ॥५।११५३॥ १७८ कालाद्भववत् ॥६॥४॥११॥ २०८ कालाधः॥६४४१२६॥ ८६ कर्तुयाप्यं कर्म ॥२२॥३॥ ९. कालाध्वनोाप्तौ रारा४२॥ ३७१ कर्तस्थामूर्ताप्यात् ॥३॥२४॥ ८७ कालाध्वभा-णाम् ॥रारा२शा ११२ कर्मजा तुचा च ॥२१॥८॥ 1१०३ काले भानवाधारे ॥२४८॥ २४३ कर्मणः संदिष्टे ॥७२११६७॥ ११३ कालो द्विगौ च मेयैः ॥१५७॥ ८६ कर्मणि रारा४०॥ १८४ काशादेरिल ॥६२।८२।। 1॥२।२।८३॥ १९१ काश्यादेः ॥६॥३५॥ ४७३ कर्मणोऽण ॥५॥१॥७२॥ २४९ कासूगोणी-रह ॥७३॥५०॥ ४१४ कर्मण्यश्यर्थे ॥५॥१॥१६॥ २३६ किंयत्तत्सर्वै-दा ॥२९॥ २०७ कर्मवेषाद्यः ॥६॥१०३॥ ३८४ किंवृत्ते लिप्सायाम् ॥५॥३॥९॥ ९२ कर्माभिप्रेयः संप्रदानम् ॥२॥२२५॥ ३८७ किंवृत्ते सप्तमी-न्यौ ॥५॥४॥१४॥ १६१ कल्यमेरेयण ॥धा॥१७॥ ४०६ किंयत्तहहोरः ॥५॥१॥१०॥ १८. कवचिह-कण ॥६॥१४॥ ३८७ किंकिलास्त्यर्थ-न्ती ॥५४॥१६॥ ४४ कवर्गकखरवति ॥२॥३७६॥ ११७ किं क्षेपे ॥२११११०॥ ३६३ कष्टकक्षकृच्छ्र-णे ॥२॥३१॥ २७८ कितः संशयप्रतीकारे ॥२४॥६॥ १७८ कसोमात् व्यण् ॥६।१०७॥ २४४ कित्याये-स्याम् ॥७३८॥ १५५ काकचौ वोष्णे ॥शरा१३७॥ ६० किमः क च ॥२२॥४०॥ ११४ काकायैः क्षेपे ॥३२०९०॥ |२३५ किमयादि-त्तस् विरा८९॥

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