Book Title: Bruhannyasa Part 6
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Siddhhem Prakashan Samiti Botad
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पृष्ठः
पृष्ठः पृष्ठ -१७४ * पृष्ठ- ६८ पृष्ठ-१२६ पृष्ठ -११० पृष्ठ - १३५ पृष्ठ- २४ * पृष्ठ- ३६ पृष्ठ- ४५ पृष्ठ -१४० पृष्ठ -१५०
पृष्ठ- ३७ पृष्ठ-१४६ पृष्ठ.. ५२ पृष्ठ-१४६ पृष्ठ - ५६ पृष्ठ- ६२ पृष्ठ-१५३ पृष्ठ-१७० पुष्ठ- १७१ पृष्ठ- ६३ पृष्ठ - ७१ पृष्ठ-११४ पृष्ठ-१२२ पृष्ठ-१५७ पृष्ठ-११४
पृष्ठ-१७७ पृष्ठ-१७१ पृष्ठ -१६९ पृष्ठ-१६८ पृष्ठ- १० पृष्ठ - ६७ पृष्ठ -१०२ पृष्ठ-१०५ पृष्ठ-१२० पृष्ठ -१५५
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पृष्ठ- ४ पृष्ठ - ७६ पृष्ठ-१४८ पृष्ठ-१६३
सूत्रम्
सूत्राङ्क: रुप्योत्तर पदारण्याण्ण: ६-३-२२ वैत्यादेटिकण
६-१-८६ मेडामाद
६-२-७९ लाक्षा-रोचनादिका
६-२-२ लुपबहुलं पुष्यमूले
६-२-५७ लोम्नोऽपत्येषु
६-१-२३ वर्मणीडचक्रात
६-१-३३ वतण्डातू
६-१-४५ वमातेर्वा
६-२-६७ वराहादेः काण
६-२-९५ वल्हयूदि-पर्दिकापिश्याष्टायन
६-३-१४ वार्गावक
६-३-२१ वाजाते द्विः
६.२-१३७ वामदेवादयः
६-२-१३५ वाधातू
६-१-११ वाडवेयो वृषे
६-१-८५ वाडन्यन
६-१-१३३ वायनणाय नित्री: ६-१-१३८ वाडवादीय:
६-२-१९ वाय्व्तु-पित्रुषसो यः ६-२-१०९ विकर्ण - छगलाद् कस्थात्रये
६-१-६४ विकर्ण-कुषीतकाद् काश्यपे ६-१-७५ विकारे
६-२-३० वृद्धिर्यम्य स्वरेस्वादिः ६-१-८ वृद्धाद यूनि
६-१-३० वृद्धस्त्रियाः क्षेपेच
६-१-८७ वृद्धजः
६-३-२८ वेदेन ब्राह्मणमत्रैव
६-२-१३० वोपकादेः
६-१-१३० वोदश्चितः
६-२-१४४ वंश्यज्यायो भात्रोर्जीवति प्रपौत्राद्य स्त्री युवा
६-१-३ व्यास-वरुट-मुधातृनिषाद बिम्ब चण्डालादन्त्य स्य चाकू
६-१-३८ कहेः पुरोडाशे
६-२-५१ शकलादेर्यत्रः
६३-२-२७ शतषा: पथ इकट् ६-२-१२४ शय. भरद्वाजात्रेये
६-१-५० शकादिभ्यो देलप
६-१-१२० शकल कर्दमाद् वा
६-२-३ शम्याच लः
६-२-३४ शम्दर्भ कूदी तृण मोम-बलवजात् ६.२-४७ शर्कराया इकारनीयाण् च ६-२-७८ शत रुदात तो
६-२-१०४
पृष्ठ- ५७ पृष्ठ - ६३ पृष्ठ -१२३ पृष्ठ- ७ पृष्ठ -३० पृष्ठ- ६८ पृष्ठ -१८२ पृष्ठ-१६४ पृष्ठ -१३१ पृष्ठ-१७१
सूत्रम् शालडकयौदि-माडिवाड्वलि
६-१-३७ शिखाया:
६-२-७६ शिवाराण
६-१-६० शिरीषादिक कणो
६-२-७७ शुडगाभ्यां भारद्वाजे
६-१-६३ शुभादिभ्यः
६-१-७३ शुक्रादियः शूलीखादयः
६-२-१४२ शेवे.
६-३-१ श्याम लक्षणाद् वासिष्ठ ६-१-७४ श्वशुरादयः
६-१-९१ श्ववणावत्थान्नाम्न्यः
६-२-८ श्वदिभ्योडञ्
६-२-८ श्यैनंपाता तैलंयाता ६-२-११५ षष्ठयाः समूहे
६-२-९ सपिण्डे वयः स्थानाधिके जीवद्व
६-१-४ सम्राजः क्षत्रिय
६-१-१०१ सख्यादेरेयाण
६-२-८८ ससर्वपूर्वाल्लुयू
६-२-१२७ साल्वांश प्रत्यग्रथ कलकूटाश्मकादि
६-१-१७ सारस्यपौर्णमासी
६-२-९८ स्त्रियां लुप्
६-१-४५ स्त्री बहुष्वायन
६-१-४८ मुयाम्नः सौवीरेवायनिञ् ६-१-१०३ सुपन्थ्यादयः
६-२-८४ मुतडग मादेरि
६-२-८५ सेनान्त-कारलक्ष्मणादिच
६-१-१०२ सौयामायनि यामुन्दायनिबाjोणे रीयश्चवा ६-१-१०६ संज्ञा दुर्वा
६-१-६ संखासंभदान्मातुर्मातर् च ६-१-७६ संख्याकात् सूत्रे
६-२-१२८ संस्कृते भक्ष्ये
६-२-१४० स्थण्डिलाच्छेते व्रती ६-२-१३९ हरितादेरञः
६-१-५५ हेमार्थान्माने
६-२-४२ हेमादिभ्योऽ
६-२-४५ होगीदीहादीन दियङगुश्चास्य
६-२-५५ क्षत्रादिभ्यः क्षीगदेय
६२-१४२ क्षुद्राभ्य एरणू वा
६-१-८० क्षद्रक-मालवात सेनानाम्नि ६-२-११
पृष्ठ- ८५ पृष्ठ-१५० पृष्ठ- ४५ पृष्ठ- ४९ पृष्ठ - ७८ पृष्ठ-१४७ पृष्ठ-१४७
पृष्ठ- ७७
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पृष्ठ-१३२ पृष्ठ-१४६ पृष्ठ-१५३
पृष्ठ-११६
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