Book Title: Bharat ka Bhavishya Author(s): Osho Rajnish Publisher: Osho Rajnish View full book textPage 9
________________ भारत का भविष्य फिर गुलामी बुला सकते हैं। हम नये नामों से गुलामी बुला लेंगे। कम्युनिज्म हिंदुस्तान के लिए गुलामी सिद्ध होगी। और आज बंगाल में जो दिखाई पड़ रहा है कल पूरे हिंदुस्तान में दिखाई पड़ेगा। आज बंगाल में जो है वह कल पूरे हिंदुस्तान में फैल जाएगा इसमें बहुत आश्चर्य नहीं है। क्योंकि हम डरे हुए लोग, हम मरने से भयभीत लोग, हम बिना किसी चीज से कुछ भी आए उसे झेलने को सदा तत्पर और उसमें ही संतुष्ट हो जाने के लिए राजी लोग हैं। बूढ़ा आदमी भय के कारण हर चीज से राजी हो जाता है। जवान आदमी लड़ता है, जवान आदमी जिंदगी को बदलने की कोशिश करता है, बूढ़ा आदमी जिंदगी जैसी होती है उसके लिए राजी हो जाता है। बूढ़ा आदमी कहता है, सब भाग्य है। जवान आदमी कहता है, भाग्य हमारे श्रम के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है। बूढ़ा आदमी कहता है, जो भी कर रहा है भगवान कर रहा है। जवान आदमी कहता है, जो भी हम करेंगे भगवान का आशीर्वाद उसे उपलब्ध होगा। जवान आदमी एक संघर्ष है और बूढ़ा आदमी एक संतोष है, एक सेटिसफेक्शन है। अगर गुलामी आ जाए तो उससे भी संतोष कर लेंगे, गरीबी आ जाए उससे भी संतोष कर लेंगे, जो भी हो जाए उससे हम संतुष्ट हो जाएंगे। संतुष्ट अगर हमने होने की आदत नहीं बदली तो इस मुल्क को भविष्य में फिर और भी महा अंधकार देखने के क्षण आ सकते मैं अभी बंगाल में था। तो बंगाल में जो मुझे दिखाई पड़ा, चाहता हूं, पूरे मुल्क के एक-एक युवक को कह दूं कि वह गुलामी को निमंत्रण है। और बंगाल राजी हो जाएगा। बंगाल में दस-पच्चीस आदमी अगर एक सड़क पर एक पुलिस वाले की हत्या कर रहे हैं, तो पूरे लोग अपने दरवाजे बंद करके बैठ रहेंगे। वे भीतर बैठ कर इस बात की निंदा करेंगे कि बहुत बुरा हो रहा है। लेकिन उस बरे के खिलाफ लड़ने बाहर नहीं निकलेंगे। अगर एक बस में आग लगाई जा रही है, तो यात्री बस में चलने वाले उतर कर नीचे खड़े हो जाएंगे और खड़े होकर चर्चा करेंगे बहत बरा हो रहा है। लेकिन कोई उन आग लगाने वाले पांच आदमियों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटाएगा। इतनी कायर कौम कैसे जवान हो सकती है। इतना कमजोर चित्त कैसे जवान हो सकता है! पूरा बंगाल देखता रहेगा, थोड़े से लोग बेवकूफियां Page 9 of 197 http://www.oshoworld.comPage Navigation
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