Book Title: Bhakti Kartavya
Author(s): Pratapkumar J Toliiya
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 37
________________ संत चरण आश्रय विना, साधन कर्यां अनेक, पार न तेथी पामियो, ऊग्यो न अंश विवेक ॥१६॥ सहु साधन बंधन थयां, रहयो न कोई उपाय सत्साधन समज्यो नहि, त्यां बंधन शुं जाय ? ॥१७॥ प्रभु प्रभु लय लागी नहि, पडयो न सद्गुरू पाय दीठा नहि निज दोष तो, तरिओ कोण उपाय ॥ १८ ॥ अधमाधम अधिको पतित सकल जगतमां हुँय अ निश्चय आव्या बिना साधन करशे शुंय ? ॥१९॥ पड़ी पड़ी तुज पदपंकजे, फरि फरि मागु अज सद्गुरू संत स्वरूप तुज से दृढ़ता करी दे ज॥ २० ॥ Jain Education International * 6 - श्रीमद् राजचन्द्र For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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