Book Title: Bhakti Kartavya
Author(s): Pratapkumar J Toliiya
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram
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शुद्धि-पत्रक
अशुद्ध रूपे थाय छे
हुँय
पृष्ठ . पंक्ति 3 16 5 13
5 14 98 99 106 10 7 13 15 11 15 13 186 18 12 18 14 19 17 20 18 24 2 263 26 6 28 1 34. 18 35 12 35 19 379 37 17 37 20 39
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शुय करने प्रपंचमा पश्चाताप ईच्छु यथायोग कइ न कंइ कर्ता पणु ईष्ट थाय छे सत्यपुरुषोए वृति
आओ . मतार्थी
आत्म भांखु कृष चरित्रनो उददेशथी तेहनों उपदाननु
शुद्ध रूपे स्थित थाय छे हुँ य शुय करीने प्रपंचमां पश्चात्ताप इच्छु यथायोग्य कंइ ने कंइ कापणुं इष्ट थया छे, थाय छे सत्पुरुषोए वृत्ति थाओ मतार्थी
2
आतम
माख
.
भालु कृश चारित्रनो उपदेशथी तेहनो उपादाननु
अठवत
ॲठवत्
एमां
एमा वदु श्रीसुख
39
श्रीमुख
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