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...विद... - VIII. ii. 56
देखें- नुदविदोन्दO VIII. ii. 56 विदः - III. iv. 83
विद् ज्ञाने धातु से (लडादेश तिप् आदि जो परस्मैपदसंज्ञक, उनके स्थान में क्रमश: णल, अतुस. उस्, थल, अथुस,अ,णल.व,म आदेश विकल्प से होते है)। ...विदथि.. - VI. iv. 165
देखें- गाथिविदथिO VI. iv. 165 ...विदभृत्... - V.ii. 118
देखें- अभिजिद्ov.iii. 118 विदाइकुर्वन्तु - III. 1. 41
'विदाकुर्वन्तु' (यह शब्द विकल्प से) निपातन किया जाता है। विदामक्रन् - III. I. 42
विदामक्रन शब्द वेदविषय में विकल्प से निपातन होता है.(साथ ही अभ्युत्सादयामकः,प्रजनयामकः, चिकया- मकः, रमयामकः तथा पावयांक्रियात् पद भी वेदविषय में विकल्प से निपातित होते है)। विदि... - III. I. 162
देखें-विदिभिदि० III..ii. 162 विदितः -V.i. 42 (सप्तमीसमर्थ सर्वभूमि तथा पृथिवी प्रातिपदिकों से) प्रसिद्ध' अर्थ में भी (यथासङ्ख्य करके अब और अण् प्रत्यय होते हैं)। विदिभिदिच्छिदेः -III. ii. 162
विद, भिदिर, छिदिर् -इन धातुओं से (तच्छीलादि कर्ता हों, तो वर्तमानकाल में करच प्रत्यय होता है)। ...विदिभ्यः - III. iv. 109
देखें-सिजभ्यस्तविदि० III. iv. 109 विदूरात् - IV. ii. 84
(पञ्चमीसमर्थ) विदूर शब्द से (प्रभवति' अर्थ में ज्य प्रत्यय होता है)। विदेः - VII. 1. 37
'विद् ज्ञाने' धातु से उत्तर (शतृ के स्थान में वसु आदेश होता है)।
...विदोः -III. iv. 20
देखें-दृशिक्दिोः III. V. 20 .... ....विद्यमानपूर्वात् - IV.i. 57
देखें-सहनविद्यमान IV.i.57 : - विद्या... - IV. iii. 77
देखें-विद्यायोनिसंबन्थेभ्यः IV. iii.77 विद्या... -VI. iii. 22
देखें -विद्यायोनिसंबन्धेभ्यः VI. iii. 22 विद्यायोनिसम्बन्धेभ्यः - IV. iii. 77
विद्यासम्बन्धवाची, योनिसम्बन्धवाची (पञ्चमीसमर्थ) प्रातिपदिकों से (आगत अर्थ में वुञ् प्रत्यय होता है)। विद्यायोनिसम्बन्येभ्यः - VI. iii. 22 ...
विद्याकृत सम्बन्धवाची एवं योनिकृत सम्बन्धवाची (ऋकारान्त) शब्दों से उत्तर (षष्ठी का उत्तरपद के परे रहते अलक होता है)। विधल्... -IV. ii. 53
देखें-विधल्मक्तलौ IV.ii. 53 विधल्भक्तलौ - IV. ii. 53
(षष्ठीसमर्थ भौरिकि आदि तथा ऐषुकारी आदि शब्दों से 'विषयो देशे' अर्थ में यथासङ्ख्य) विधल और भक्तल् प्रत्यय होते है। विधार्थे - V.i. 42
क्रिया के प्रकार अर्थ में वर्तमान (सङ्ख्यावाची प्रातिपदिकों से धा प्रत्यय होता है)। विधि... - III. iii. 161
देखें-विधिनिमन्त्रण III. iii. 161 विधिः -I.i.71
(जिस विशेषण से) बिधि की जाये,(वह,विशेषण अन्त में है जिसके, उस विशेषणान्त समुदाय का ग्राहक होता . है और अपने स्वरूप का भी)। विधिनिमन्त्रणामन्त्रणाधीष्टसम्प्रश्नप्रार्थनेषु - III. il. 11
आज्ञा देना, निमन्त्रण, आमन्त्रण,सत्कारपूर्वक व्यवहार करना, संप्रश्न, प्रार्थना अर्थों में (लिङ्ग प्रत्यय होता है)। विधु... - III. ii. 35
देखें-विध्वरुषः III. 1. 35