Book Title: Ashtadhyayi Padanukram Kosh
Author(s): Avanindar Kumar
Publisher: Parimal Publication

View full book text
Previous | Next

Page 568
________________ 550 सुखादिया सु...-VII.1.68 दाम् VII. 1. 68 ..सु...-VII. 1.9 VILL9 ...सि.. - VIII. 1.70 देखें-सेवसित VIII. 1.70 ...सि..- VIII. IH. 116 देखें-स्तम्भूसिवसहाम् VIII. III. 116 ...सिंह...-VI. II. 72 देखें-गोविडाल.VI. 1.72 ...सीता...-V..91 देखें-नौक्योधर्म IV.v.91 ...सीदा-VII. HI.78 देखें-पिजिन VII. III. 78 ...सीरनाम..-VI. 1. 187 देखें-स्किंगपूत. VI. II. 187 ...सीरात्-IV.III. 123 देखें-हलसीरात् IV. 1. 123 ...सीरात्-IV.iv.81 देखें-हलसीरात् IV.iv81 सीयुद्-III. V. 102 (लिङ् के आदेशों को) सीयुट् आगम होता है। ...सीयुट्..-VI. 15.62 देखें-स्यसि VI. iv.62 सु...-III. I.89 देखें-सुकर्म III. 1.9 सु..-III. II. 103 देखें- सुययोः III. II. 103 सु..-IV.1.2 देखें- स्वौजसमौट IV. 1.2 सु...-V. iv. 125 देखें-सुहरित V. iv. 125 ...सु...-v.iv. 135 देखें-उत्पूतिo v. iv. 135, सु...-VI.1.66 देखें-सुतिसि VI.1.66 सु...-VI. 1. 145 देखें- सूपमानात् VI. II. 145 सु...-VII.1.23 .देखें-स्वमो: VII.1.23 सु...-VII.1.39 देखें-सुलक VII. 1.39 देखें-तितु VII. 1.9 -VII. 1.72 देखें-स्तुसुधूश्य: VII. 1.72 सु...-VII. . 12 देखें- सुसर्वार्धात् VII. Iii. 12 सु...-VIII. 1.88 देखें- सुविनिर्दुर्घ्य: VIII. II. 88 .. सुः-I.iv.93 सु शब्द (कर्मप्रवचनीय और निपातसंज्ञक होता है,पूजा .. अर्थ में)। ...सुकरम्-V.1.92 देखें- परिजय्यलभ्यः V. 1. 92 . सुकर्मपापमापुण्येषु-II. 1. 89 सु, कर्म,पाप, मन्त्र, पुण्य -इन (कमों) के उपपद रहते (कृ धातु से भूतकाल में क्विप् प्रत्यय होता है)। ...सुख..-II.1.35 देखें-तदर्थार्थवलिहित II.1.35 सुख...-V.in.63 देखें-सुखप्रियात् V. . 63 सुख..-VI. 1. 15 . देखें- सुखप्रिययो: VI. II. 15 सुखप्रिययो:-VI. II. 15 . हितवाची तत्पुरुष समास में) सुख तथा प्रिय शब्द उत्तरपद रहते (पूर्वपद को प्रकृतिस्वर हो जाता है)। सुखप्रियात्- V. iv. 63 (अनुकूलता' अर्थ में वर्तमान) सुख तथा प्रिय प्रातिपदिकों से (कृञ् के योग में डाच् प्रत्यय होता है)। . ..सुखयो:- VIII. 1. 13 देखें-प्रियसुखयोः VIII. 1. 13 सुखादिभ्यः - III.1.18 सुख आदि (कर्मवाचियों) से (अनुभव अर्थ में क्यङ् प्रत्यय होता है,यदि वे सुख आदि वेदयिता-कर्ता सम्बन्धी हों तो अर्थात् जिसको सुख हो, अनुभव करने वाला भी वही हो)।

Loading...

Page Navigation
1 ... 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600