Book Title: Ashtadhyayi Padanukram Kosh
Author(s): Avanindar Kumar
Publisher: Parimal Publication

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Page 578
________________ खियाम् 560 ...स्थ.. खियाम्- VII. i. 99 (त्रि तथा चतुर अङ्गको) स्त्रीलिङ्ग में क्रमशः तिसृ,चतसृ आदेश होते हैं, विभक्ति परे रहते)। ....खियो:-I.ii. 48 देखें- गोस्त्रियोः I. ii. 48 स्त्री- I. 1.66 (गोत्रप्रत्ययान्त) स्त्रीलिङ्ग शब्द (युवप्रत्ययान्त के साथ शेष रह जाता है और उस स्त्रीलिङ्ग गोत्रप्रत्ययान्त शब्द को पुंवत् कार्य भी हो जाता है, यदि उन दोनों शब्दों में वृद्धयुवप्रत्ययनिमित्तक ही वैरूप्य हो तो)। खियाम् -III. ii.94 (धातुमात्र से) स्त्रीलिङ्ग में (कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में क्तिन् प्रत्यय होता है)। . खियाम्- IV.1.3 (यहाँ से आगे कहे हुए प्रत्यय,प्रातिपदिकों से) स्त्रीलिङ्ग अर्थ में हुआ करेंगें। खियाम्-IV. 1. 109 (आङ्गिरस गोत्रापत्य में उत्पन्न जो यञ् प्रत्यय,उसका) स्त्री अभिधेय हो (तो लुक हो जाता है)। खियाम्- IV. 1. 174 (क्षत्रियाभिधायी जनपदवाची जो अवन्ति, कुन्ति तथा कुरु शब्द, उनसे भी उत्पन्न जो तद्राज प्रत्यय, उनका) स्त्रीलिङ्ग अभिधेय हो (तों लुक् हो जाता है)। खियाम्-V.iv. 14 (णात्ययान्त प्रातिपदिक से स्वार्थ में अब प्रत्यय होता है) स्त्रीलिङ्ग में। खियाम्- V. iv. 143 (बहुव्रीहि समास में अन्य पदार्थ) यदि स्त्री वाच्य हो तो (दन्त शब्द के स्थान में दतृ आदेश हो जाता है, सजा- विषय में)। खियाम्- V. iv. 152 (बहुव्रीहि समास में इन अन्त वाले शब्दों से समासान्त कप् प्रत्यय होता है) स्त्रीलिङ्ग-विषय में। खियाम्- VI. 1. 213 (मतुप से पूर्व आकार को उदात्त होता है, यदि वह मत्वन्त शब्द) स्त्रीलिङ्ग में (सञ्जाविषयक हों)। खियाम्-VI. iii. 33 (एक ही अर्थ में अर्थात् एक ही प्रतिनिमित्त को लेकर भाषित = कहा है पुंल्लिङ्ग अर्थ को जिस शब्द ने.ऐसे ऊड़वर्जित भाषितपुंस्क स्त्री शब्द के स्थान में प- *ल्लिङ्गवाची शब्द के समान रूप हो जाता है. पूरणी तथा प्रियादिवर्जित) स्त्रीलिङ्ग (समानाधिकरण) उत्तरपद परे हो तो)। स्त्रियाम्-VII. 1.96 स्त्रीलिङ्ग में वर्तमान (क्रोष्ट शब्द को भी तजन्त शब्द के समान अतिदेश हो जाता है)। . (तरुणों से रहित ग्रामीण पशुओं (शेष रह जाता है, पुमान् हट जाते हैं)। स्त्री... - IV.i.87 देखें-स्त्रीपुंसाभ्याम् IV. 1.87 ....स्त्रीपुंस...- V. iv. 77 देखें- अचतुर0 V. iv.77 स्त्रीपुंसाभ्याम्- IV. 1.87 (धान्यानां भवने' V.ii. 1 से पूर्व कहे गये अर्थों में) स्त्री तथा पुंस शब्दों से (यथासंख्य नसथा स्नञ् प्रत्यय होते हैं)। खीभ्यः-IV.I. 120 स्त्रीप्रत्ययान्त प्रातिपदिकों से (अपत्य अर्थ में ढक् प्रत्यय होता है)। स्त्रीषु- IV. ii. 75 स्त्रीलिङ्गवाची (सौवीर, साल्व तथा पूर्वदेश अभिधेय होने पर यन्त और आबन्त प्रातिपदिकों से चातुर्थिक अब् प्रत्यय होता है)। ...खो:-III. II. 120 देखें- तस्वोः III. iii. 120 स्थ्याख्यौ-I.iv.3 (इकारान्त तथा ऊकारान्त) स्त्रीलिङ्गको कहने वाले शब्द (नदीसज्ज्ञक होते हैं)। ...स्थ... - VI. iv. 157 देखें-प्रस्थस्फO VI. iv. 157

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