Book Title: Ashtadhyayi Padanukram Kosh
Author(s): Avanindar Kumar
Publisher: Parimal Publication

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Page 593
________________ हस्तिकपाटयोः 575 हस्तिकपाटयोः - III. 1.54 हस्ती तथा कपाट (कर्म) उपपद रहते (शक्ति गम्यमान हो, तो हन् धातु से टक् प्रत्यय होता है)। ...हस्तिभ्याम्-V. 1. 38 देखें-पुरुषहस्तिभ्याम् V. ii. 38 ...हस्तिभ्याम्- V. iv. 78 देखें- ब्रह्महस्तिभ्याम् V. iv.78 हस्ते-I. iv.76 (हस्ते तथा) पाणौ शब्द विवाह विषय में हों तो नित्य ही उनकी कृञ् के योग में गति और निपात संज्ञा होती . हस्ते-III. v. 39 हस्तवाची करण उपपद हो तो (वर्ति तथा ग्रह धातुओं से णमुल् प्रत्यय होता है)। ...हा.. - VIII. I. 24 देखें-चवाहा VIII. I. 24. ....हान्तात्-v.iv. 106 देखें-चुदवहान्तात् V. iv. 106 ...हाभ्याम्- VIII. iv. 45 देखें- रहाभ्याम् VIII. iv. 45 , हायनान्त... - V.I. 129 देखें- हायनान्तयुवादिभ्यःv.i. 129 हायनान्तयुवादिश्य:- V. 1. 129 . (षष्ठीसमर्थ) हायन अन्तवाले तथा युवादि प्रातिपदिकों से (भाव और कर्म अर्थों में अण् प्रत्यय होता है)। ...हायनान्ता-IV.I. 27 देखें-दामहायनान्तात् IV.i. 27 ...हार... -VI. iii.59 . देखें- मन्यौदन VI.li.59 ...हारिणौ-vi. ii. 65 देखें-सप्तमीहारिणौ VI. 1.65 हारी-v.ii. 69 (द्वितीयासमर्थ अंश प्रातिपदिक से) 'हरण करने वाला' अर्थ में (कन् प्रत्यय होता है)। '...हास...-VI.1.210 . ... देखें- त्यागराग VI.1.240 हास्तिन..-VI. 1. 101 देखें-हस्तिनफलक VI.H. 101, हास्तिनफलकमाया-VI. I. 101 हास्तिन, फलक तथा मायदन पूर्वपद शब्दों को (पुर शब्द उत्तरपद रहते अन्तोदात नहीं होता। हास्तिन = हस्तिनापुर का नाम ।' ... फलक = पट्ट,शिला,चपटी सतह,ढाल,पत्र,नितम्ब । ...हास्तिनायन... - VI. iv. 174 देखें-दाण्डिनायनास्तिov. iv. 174 हि... -III. iv.2 देखें-हिस्वी III. iv.2 हि-III. iv. 87 (लोडादेश जो सिप, उसके स्थान में) हि आदेश होता है (और वह अपित् भी होता है)। हि-VIII.1.34 हि शब्द से युक्त (तिङन्त को भी अनुकूलता गम्यमान होने पर अनुदात्त नहीं होता। . ...हि... -VIII.1.56.... ....... देखें- यद्धिपरम् VIII.1.56 हि-VII. iv. 42 (डुधाञ् अङ्ग को) हि आदेश होता है, (तकारादि कित् प्रत्यय के परे रहते)। ...हित... -II.1.35 देखें- तदर्थार्थवलिहितः II. 1. 35 . . देखें-संपाधहVI. 1. 15s हितम्- IV. iv. 65 हित (समानाधिकरणवाले भक्ष्यवाची प्रथमासमर्थ) प्रातिपदिक से (षष्ठ्यर्थ में ढक प्रत्यय होता है)। हितम्-v.i.5 (चतुर्थीसमर्थ प्रातिपदिक से) हित' अर्थ में (यथाविहित प्रत्यय होता है)। हितात् - IV. iv. 75 यहाँ से लेकर 'तस्मै हितम्' से पहले (कहे जाने वाले अर्थों में सामान्येन यत् प्रत्यय का अधिकार रहेगा)। . ...हित...-VI.1.15

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