SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 496
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 478 ...विद... - VIII. ii. 56 देखें- नुदविदोन्दO VIII. ii. 56 विदः - III. iv. 83 विद् ज्ञाने धातु से (लडादेश तिप् आदि जो परस्मैपदसंज्ञक, उनके स्थान में क्रमश: णल, अतुस. उस्, थल, अथुस,अ,णल.व,म आदेश विकल्प से होते है)। ...विदथि.. - VI. iv. 165 देखें- गाथिविदथिO VI. iv. 165 ...विदभृत्... - V.ii. 118 देखें- अभिजिद्ov.iii. 118 विदाइकुर्वन्तु - III. 1. 41 'विदाकुर्वन्तु' (यह शब्द विकल्प से) निपातन किया जाता है। विदामक्रन् - III. I. 42 विदामक्रन शब्द वेदविषय में विकल्प से निपातन होता है.(साथ ही अभ्युत्सादयामकः,प्रजनयामकः, चिकया- मकः, रमयामकः तथा पावयांक्रियात् पद भी वेदविषय में विकल्प से निपातित होते है)। विदि... - III. I. 162 देखें-विदिभिदि० III..ii. 162 विदितः -V.i. 42 (सप्तमीसमर्थ सर्वभूमि तथा पृथिवी प्रातिपदिकों से) प्रसिद्ध' अर्थ में भी (यथासङ्ख्य करके अब और अण् प्रत्यय होते हैं)। विदिभिदिच्छिदेः -III. ii. 162 विद, भिदिर, छिदिर् -इन धातुओं से (तच्छीलादि कर्ता हों, तो वर्तमानकाल में करच प्रत्यय होता है)। ...विदिभ्यः - III. iv. 109 देखें-सिजभ्यस्तविदि० III. iv. 109 विदूरात् - IV. ii. 84 (पञ्चमीसमर्थ) विदूर शब्द से (प्रभवति' अर्थ में ज्य प्रत्यय होता है)। विदेः - VII. 1. 37 'विद् ज्ञाने' धातु से उत्तर (शतृ के स्थान में वसु आदेश होता है)। ...विदोः -III. iv. 20 देखें-दृशिक्दिोः III. V. 20 .... ....विद्यमानपूर्वात् - IV.i. 57 देखें-सहनविद्यमान IV.i.57 : - विद्या... - IV. iii. 77 देखें-विद्यायोनिसंबन्थेभ्यः IV. iii.77 विद्या... -VI. iii. 22 देखें -विद्यायोनिसंबन्धेभ्यः VI. iii. 22 विद्यायोनिसम्बन्धेभ्यः - IV. iii. 77 विद्यासम्बन्धवाची, योनिसम्बन्धवाची (पञ्चमीसमर्थ) प्रातिपदिकों से (आगत अर्थ में वुञ् प्रत्यय होता है)। विद्यायोनिसम्बन्येभ्यः - VI. iii. 22 ... विद्याकृत सम्बन्धवाची एवं योनिकृत सम्बन्धवाची (ऋकारान्त) शब्दों से उत्तर (षष्ठी का उत्तरपद के परे रहते अलक होता है)। विधल्... -IV. ii. 53 देखें-विधल्मक्तलौ IV.ii. 53 विधल्भक्तलौ - IV. ii. 53 (षष्ठीसमर्थ भौरिकि आदि तथा ऐषुकारी आदि शब्दों से 'विषयो देशे' अर्थ में यथासङ्ख्य) विधल और भक्तल् प्रत्यय होते है। विधार्थे - V.i. 42 क्रिया के प्रकार अर्थ में वर्तमान (सङ्ख्यावाची प्रातिपदिकों से धा प्रत्यय होता है)। विधि... - III. iii. 161 देखें-विधिनिमन्त्रण III. iii. 161 विधिः -I.i.71 (जिस विशेषण से) बिधि की जाये,(वह,विशेषण अन्त में है जिसके, उस विशेषणान्त समुदाय का ग्राहक होता . है और अपने स्वरूप का भी)। विधिनिमन्त्रणामन्त्रणाधीष्टसम्प्रश्नप्रार्थनेषु - III. il. 11 आज्ञा देना, निमन्त्रण, आमन्त्रण,सत्कारपूर्वक व्यवहार करना, संप्रश्न, प्रार्थना अर्थों में (लिङ्ग प्रत्यय होता है)। विधु... - III. ii. 35 देखें-विध्वरुषः III. 1. 35
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy