Book Title: Ashtadhyayi Padanukram Kosh
Author(s): Avanindar Kumar
Publisher: Parimal Publication

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Page 549
________________ सप्तमी.... सप्तमी... - VI. 1. 65 देखें- सप्तमीहारिणौ VI. II. 65 531 सप्तमीपञ्चमीप्रथमाच्यः - V. 1. 27 (दिशा, देश और काल अर्थों में वर्तमान) सप्तम्यन्त, पञ्चम्यन्त तथा प्रथमान्त (दिशावाची) प्रातिपदिकों से (वार्थ में अस्तातिप्रत्यय होता है)। सप्तमीपञ्चम्यौ - II. iii. 7 (दो कारकों के बीच में जो काल और मार्ग, तद्वाची शब्दों में) सप्तमी और पञ्चमी विभक्ति होती है। सप्तमीविशेषणे - II. II. 35 सप्तम्यन्त पद तथा विशेषण (बहुव्रीहि समास में पूर्व प्रयुक्त होते हैं। सप्तमीस्थम् - III. 1. 92 (धातो:' सूत्र के अधिकार में) सप्तमीविभक्ति में स्थित पद की (उपपद संज्ञा होती है) । सप्तमीस्वात् - Viv. 82 (प्रति शब्द से उत्तर ठरस-शब्दान्त प्रातिपदिक से समासान्त अच् प्रत्यय होता है, यदि वह उरस् शब्द) सप्तमी विभक्ति के अर्थवाला हो तो । सप्तमीहारिणौ - VI. ii. 65 (हरण शब्द को छोड़कर धर्म्यवाची शब्दों के परे रहते) सप्तम्यन्त तथा हारिवाची पूर्वपद को (आद्युदात्त होता है)। हारि = आकर्षक, मोहक । सप्तम्यर्थे I. 1. 18 सप्तमी के अर्थ में ईकारान्त, उकारान्त शब्दरूप की प्रगृह्य संज्ञा होती है)। सप्तम्या:- V. iii. 10 (किम् सर्वनाम तथा बहु) सप्तम्यन्त प्रातिपदिकों से ( प्रत्यय होता है)। सप्तम्या:- VI. it. 152 सप्तम्यन्त से परे ( उत्तरपद पुण्य शब्द को अन्तोदात्त होता है। सप्तम्या - VI. 1. 8 हलन्त तथा अकारान्त शब्द से उत्तर सप्तमी विभक्ति का (उत्तरपद परे रहते अलुक् होता है, सञ्ज्ञाविषय में) । सप्तम्याम्- III II. 87 सप्तम्यन्त उपपद रहते (जन्' धातु से 'ड' प्रत्यय होता है भूतकाल में। सप्तम्याम् III. Iv. 49 (तृतीयान्त तथा सप्तम्यन्त उपपद हो तो (उपपूर्वक पीड, कथ तथा कं धातुओं से भी णमुल् प्रत्यय होता है)। ... सप्तम्यो:- 11. Iv. 85 देखें- तृतीयासप्तम्योः II. Iv. 85 ... सप्तम्योः - V. iv. 56 देखें - द्वितीयासप्तम्यो: V. Iv. 56 - सप्तानाम् VI. Iv. 125 (फण् आदि) सात धातुओं के (अवर्ण के स्थान में भी विकल्प से एत्त्व तथा अभ्यासलोप होता है; कित्, ङित् लिट् तथा सेट् थल परे रहते)। सम् सभा - II. iv. 23 (नव्कर्मधारयवर्जित राजा और अमनुष्य पूर्वपदवाला) सभा-शब्दान्त (तत्पुरुष नपुंसकलिंग में होता है)। सभायाः - IV. iv. 105 (सप्तमीसमर्थ) सभा प्रातिपदिक से (साधु अर्थ में य प्रत्यय होता है)। सभायाम् - VI. II. 98 (नपुंसकलिङ्ग वाले समास में) सभा शब्द उत्तरपद रहते (पूर्वपद को अन्तोदात्त होता है) । .. सम्... - I. 1. 21 ... देखें - अनुसंपरिष्यः I. I0. 21 सम्... - I. iii. 22 देखें समवप्रविभ्यः 1. III. 22 ... सम्... - I. iii. 30 देखें - निसमुपविष्य III. 30 सम्... - I. iii. 46 देखें - सम्प्रतिंभ्याम् I. iii. 46 #I.iii. 575 देखें- समुदाय I. III. 75 सम्... - III. iii. 63 देखें- समुपo III. iii. 63

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