Book Title: Anusandhan 1999 00 SrNo 14
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 10
________________ 'सर्वमेतदिदं ब्रह्म वेदान्तेऽद्वैतवादिनाम् । आत्मन्येव लयो मुक्तिर्वेदान्तिकमते मता ॥१७॥ 'अकुकर्मा सषट्कर्मा शूद्रान्नादिविवर्जकः । ब्रह्मसूत्री द्विजो भट्टो गृहस्थाश्रमसंस्थितः ॥१८॥ "भगवन्नामधेयास्तु द्विजा वेदान्तदर्शने । 'विप्रगेहभुजस्त्यक्तोपवीताव(ता ब्रह्मवादिनः ॥१९॥ चत्वारो भगवद्भेदा:कुटीचर-बहूदकौ । हंसः परमहंसश्चाऽधिकोऽमीषु परः परः ॥२०।। मीमांसकः।। अथ बौद्धम् ।। बौद्धानां सुगतो देवो विश्वं च क्षणभङ्गुरम् । "आर्यसत्याख्यया तत्त्व चतुष्टयमिदं क्रमात् ॥२१॥ दुःखमायतनं चैव ततः समुदयो मतः । मार्गश्चेत्यस्य च व्याख्या क्रमेण श्रूयतामतः ॥२२॥ 'दुःखं संसारिणः स्कन्धास्ते च पञ्च प्रकीर्तिता : । विज्ञानं वेदना सञ्ज्ञा संस्कारो रूपमेव च ।।२३।। अथाऽऽयतनानि - पञ्चेन्द्रियाणि शब्दाद्या विषयाः पञ्च मानसम् । धर्मायतनमेतानि द्वादशाऽऽयतनानि तु ॥२४॥ अथ समुदयः- रागादीनां गणो यस्मात् समुदेति नृणां हृदि । आत्मा(त्मना)ऽऽत्मीस्वभावाख्यः स स्यात् समुदयः पुनः ॥२५॥ १. सर्व प्रपंच ब्रह्म-एहवउ वेदांतीन अद्वैतवाद । २.परमात्मा नइ विषइ लीन ते वेदांतीनइ मनइ मुक्ति। ३.भट्ट नइ कुत्सितकर्म न करइ अनइ षट्कर्म करइ । ४.शूद्रादिकनइ घरि अन्न न जिमइ, एतलइ ब्राह्मणनइ अन्नइ जीवइ । ५. ब्रह्मसूत्री कहता जनोई पहिरइ अनइ ब्रह्मयुक्त हुइ, विद्वांस हुइ। ६. गृहस्थाश्रमइ रहइ। ७. वेदांतदर्शनइ भगवन एहवउ नामधेय । ८. ब्राह्मणनइ घरि जिमइ अनइ जनोई छांडइ अनइ परमात्मानइ मानइ । ९. ते भगवनना ४ भेद मठ मांडी रहइ ते कुटीचर(१) मठरहित ते बहूदक(२) सर्वसंग मूकइ ते हंस(३) दिगंबर ते परमहंस(४) । १०.एतइ चडती चडती क्रिया जाणिवा । ११. बौद्धनइ सुगत एहवइ नामइ देव कहेतां परमेश्वर । १२. सर्व क्षणमाहिइ पलटातुं मानइ । १३. एहनइ च्यारि दर्शनना प्रवर्तावक हुआ अनुक्रमइ आर्य(१) सत्य(२) आख्याय(३) तत्त्व(४) ४ जाणिवा । १४. एहना शास्त्रनइ विषइ ४ नउ निरूपण एक दुःख(१) आयतन(२) समुदय(३) मार्ग(४) । १५.संसारी जीवनइ ५ स्कन्ध दुःख कहीयइ । ते केहा-एक विशेषज्ञान(१) बीजं सदुःखानुभव(२) आहारादि संज्ञा(३) संस्कारो-कर्म वासना(४) रूप-शुक्लादि (५) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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