Book Title: Anubhuti evam Darshan Author(s): Sagarmal Jain Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur View full book textPage 6
________________ ज्ञान युक्त आचरण ही मुक्ति का द्वार प्राण बिना मृत शरीर पर आभूषण का औचित्य कितना ? आचरण के बिना जीवन में ज्ञान का औचित्य कितना? गर्दभ चंदन का भार ढोता है किंतु सुगंध की भागीदारी उसे कहाँ बिना आचरण के ज्ञान भी बोझ है निरर्थक है वह जो जाना गया और जीया न जा सका वह ज्ञान मात्र बुद्धिविलास है, अहंकार का ही कारण बनेगा अनुभूति एवं दर्शन / 5 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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