Book Title: Anathimuni Charitram
Author(s): Nagchandrajitswami
Publisher: Virchand Lalchand Shah

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Page 10
________________ श्री अनाथिमुनि । अर्थात् घरने आग लाग्या पछी कुवो खोदवानी तैयारी करवा जेवु थाय.. आ प्रमाणे मुनिवर्य श्रीअनाथिमुनि श्रेणिकराजाने उपदेश आपी तेमने सनाथ शब्दनो अर्थ सुन्दर रीते समजावे छे. आ चरित्र परथी एज सार लेवानो छे के परम कृपाळु परमात्माए दरेक जीवात्माने अखूट स्वातंत्र्य अने सामर्थ्य बक्ष्यु छे, तेनो उत्तम भावथी सदुपयोग करवो अने तेम करीने मनुष्यभावना अन्तिम लक्ष्यने पहोंची बळबु. आ चरित्र पवित्र जैनागम श्रीउत्तराध्ययनजीसूचना २० मा अध्ययनना अनुसार विद्याव्यासंगी मुनिश्री रत्नचन्द्रजी महाराजे लोककल्याण माटे लखी भारे परिश्रम उठाव्यो छे, ते बदल आ स्थले तेओश्रीनो विनीतभावे उपकार मानुछु. संवत् १९९० सत्पुरुषोनो कृपाकांक्षीशिवदत्तराय माधवराय किकाणी. थराद. चरित्रम् Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara Surat www.umaragyanbhandar.com

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