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अमिट रेखाएं
व्यास पूरा घाघ था। उसने कहा-जहांपनाह ! मैं ऐसी बढ़िया कथा लिख दूंगा कि लोग रामायण को पढना भूल जायेंगे। पर इसके पारिश्रमिक के रूप में मुझे ग्यारह हजार रुपये चाहिए।
बादशाह ने उसी समय रुपये उसे राजकोष से दिलवा दिये।
व्यास, पांच महिने के पश्चात् बादशाह के पास पहुँचा और कहा-जहाँपनाह ! रामायण की तरह ही बादशायण मैंने तैयार कर दी है किन्तु उसमें केवल एक खास बात लिखनी रह गई है कि राम की पत्नी सीता को रावण चुराकर ले गया था, कृपया बतायें कि उस आशिक का नाम क्या था ताकि बादशायण में लिख सक।
बादशाह ने सुना और घबराकर कहा -- मुझे ऐसी रामायण नहीं चाहिए।
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