Book Title: Amit Rekhaye
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 121
________________ १०८ अमिट रेखाएं मूर्खता नहीं है। अकबर–यदि सौदागर घोड़े ले आया तो बतलाओ तुम्हें क्या दण्ड दूं। बीरबल-जहाँपनाह ! यदि वह घोड़ ले आयेगा तो आपके नाम के स्थान पर उसका नाम रख दिया जायेगा। हमारे दण्ड का सवाल तो पैदा ही नहीं होता । बादशाह चुप हो गया। Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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