Book Title: Alankar Chintamani ka Aalochanatmaka Adhyayan
Author(s): Archana Pandey
Publisher: Ilahabad University

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ चौदहवीं शताब्दी के प्रथम चरण मे राज्य करते थे । मोहम्मद तुगलक की सेना 1323 ई0 मे उन्हे बन्दी बना लिया इसलिए 'प्रतापरुद्रयशोभूषण' की रचना 14वीं शताब्दी के प्रथम चरण मे हुई होगी ।। इससे सुनिश्चित हो जाता है कि आचार्य अजितसेन तेरहवीं शताब्दी के पूर्व विद्यमान थे। क्योंकि 13वीं शताब्दी के पश्चात् उनके समय का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता । जैसा कि पूर्व पृष्ठ पर यह उल्लेख किया गया है कि आचार्य विद्यानाथ ने अजितसेन कृत अलकार चिन्तामणि से सर्वाधिक प्रभावित रहे है । उक्त समग्र उद्धरणों के परिशीलन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आचार्य अजितसेन 1157 ई0 मे विद्यमान वाग्भट द्वारा प्रणीत "वाग्भटालकार' से श्लोकों को उद्धृत किया है अत इनकी पूर्व सीमा 1157 ई० सुनिश्चित की जा सकती है क्योंकि इसके पूर्व इनके अस्तित्व का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं होता ? और तेरहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध मे तथा चौदहवीं शताब्दी के आदि मे विद्यानाथ ने अलकार चिन्तामणि से प्रभावित प्रतीत होते है । किसी ग्रन्थ की प्रसिद्धि मे 50 वर्षों का समय तो लग ही सकता है ऐसी स्थिति मे आचार्य अजितसेन का समय बारहवीं शताब्दी के प्रथम चरण से तेरहवी शताब्दी तक स्वीकार करना समीचीन प्रतीत होता है । डॉ0 नेमिचन्द्र शास्त्री ने अजितसेन के सम्बन्ध मे निम्नलिखित तथ्यों को प्रस्तुत किया है 1 - संस्कृतकाव्यशास्त्र का इतिहास पी0वी0 का yo-366

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 276