Book Title: Aise Jiye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 18
________________ है। बुद्धि को मनन का मार्ग मिल जाए, तो बुद्धि हमारे सामने समाधानों का सूरज उगा देगी । जीवन की हर समस्या का समाधान व्यक्ति की बुद्धि और उसकी अन्तरात्मा में समाया है । हम जीवन के व्यावहारिक पहलुओं पर तो मनन करें ही, जीवन-जगत के आन्तरिक पहलुओं पर भी मनन करें । मैं कौन हूँ, मैं जगत में कहाँ से आया हूँ, मेरे जीवन का मूल स्रोत क्या है, मेरी चेतना कहाँ उलझी है, अपने स्वभाव की सौम्यता के लिए मुझे क्या करना चाहिए। ये वे पहलु हैं, जिन पर किया गया मनन हमें जीवन की गहराई देगा । महत्त्व इस बात का नहीं है कि हम कितने वर्ष जिए; वरन इसका है कि हम कितने गहरे उतरकर जिए । बंध्या का जीवन क्या जीना, अपनी समझ को पैदा करके जिएँ। सहजतया कहे गए ये तीन सूत्र हममें गहराई देंगे। जीने की कला प्रदान करेंगे। हम जीवन और जगत को पढ़ें, समझें और पिंजरे से मुक्त हो चुके पंछी की तरह मुक्त उड़ान भरें। जीवन से बढ़कर ग्रंथ नहीं Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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