Book Title: Aise Jiye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 41
________________ १९. समय के पाबंद रहिए; आज के कार्य को आज ही पूरा करने का प्रयत्न कीजिए। २०. बड़ों के सम्मान का ध्यान रखिए; उनकी मान-मर्यादा को निभाने की कोशिश कीजिए। २१. कहीं जाएँ, तो अपनी सीमा और मर्यादा में रहिए; ध्यान रखिए कि आप वहाँ अतिथि हैं, मालिक नहीं। २२. कर्मचारियों के साथ इस तरह पेश आइये कि वे आप पर सदा गौरव कर सकें। २३. व्यसनों से ग्रस्त होकर औरों के दुखदर्द का कारण न बनिए; व्यसन-मुक्त स्वस्थ समाज की संरचना में सहयोग कीजिए। २४. अपने राष्ट्र, धर्म और मातृभूमि पर गौरव कीजिए; उनकी प्रगति में सहयोग कीजिए। २५. जीवन के हर पहलू के प्रति सदा सकारात्मक रहिए; ऐसे किसी भी कार्य से परहेज रखिए जिससे आपके परिवार, समाज या राष्ट्र को नीचा देखना पड़े। ये हैं वे पचीस सूत्र, जो हर देश, क्षेत्र, काल में कारगर और कल्याणकारी हैं । हम स्वयं सुख-शालीनता से जीएँ और औरों के साथ सुख-शालीनता से पेश आएँ–सर्वसुख का सुकून पाने का यही स्वर्णिम मार्ग है । ऐसे जिएँ ३० Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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