Book Title: Aise Jiye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 40
________________ . स्वच्छ धुले हुए वस्त्र पहनिए; अमर्यादित पहनावे से परहेज रखिए। खाद्य पदार्थों को ढककर रखिए; ईंधन और पानी को व्यर्थ न जाने दीजिए। घर आए अतिथि का प्रसन्न हृदय से सत्कार कीजिए; लौटते समय दरवाजे तक पहुँचाकर विदा दीजिए। ८. घर में शान्ति बनाए रखने के लिए स्वयं शान्त रहिए; अशान्ति का वातावरण बन जाने पर घर के सदस्यों को प्रेमपूर्वक समझाइये। ९. घर की गोपनीय बातों को उजागर मत कीजिए; दूसरे की गुप्त बातों को जानने का प्रयत्न मत कीजिए। १०. सबके साथ नम्रता और मधुरतापूर्वक पेश आइये । निन्दा, व्यंग्य और हल्की भाषा का उपयोग करने से परहेज रखिए। ११. मनोयोगपूर्वक अध्ययन कीजिए; पढ़ते समय पढ़ने पर ही ध्यान दीजिए। १२. कही हुई बात को 'वचन' समझिए; उसे पूरा करने की पूरी कोशिश कीजिए। १३. सार्वजनिक कार्यक्रमों में सदा भाग लीजिए; किसी के धार्मिक विश्वासों की खिल्ली मत उड़ाइए। १४. हाथ-मुँह धोकर भोजन कीजिए; भोजन में नुक्ताचीनी मत निकालिए। १५. क्रोध के क्षणों में जवाब मत दीजिए; औरों की भूलों को क्षमा करने का सामर्थ्य रखिए। १६. सब धर्मों का सम्मान कीजिए। किसी धर्म में कोई अच्छी बात लगे, तो उसे ग्रहण कर लीजिए। १७. प्रतिदिन मधुर संगीत सुनिए, अच्छी कविता पढ़िए, सुन्दर चित्र निहारिए और हो सके तो सदा मधुर शब्द बोलिए। १८. असहाय और विपदाग्रस्त लोगों की सहायता कीजिए; स्वयं पर कष्ट आ जाए तो धैर्य और साहस से सामना कीजिए। पेश आएँ शालीनता से २९ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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