Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Aayaro Dasha Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 162
________________ दसमा आयतिठाण दसा दशवीं आयतिस्थान दशा' सूत्र १ ते णं काले णं, ते णं समए णं रायगिहे नाम नपरे होत्या । वण्णओ। उस काल और उस समय में राजगृह नाम का नगर था। (नगर वर्णन औपपातिक सूत्र एक के समान) सूत्र २ गुणसिलए चेइए । वण्णओ। उस नगर के बाहर गुणशील नाम का चैत्य (उद्यान) था । (चैत्य वर्णन औपपातिक सूत्र दो के समान) सूत्र ३ रायगिहे नयरे सेणिए राया होत्या। रायवण्णओ जहा उववाइए जाव चेलणाए सद्धि० (भोगे भुंजमाणे) विहरइ । उस राजगृह नगर में श्रेणिक नाम का राजा था। (राजा का वर्णन औपपातिक सूत्र ११ के समान) यावत् वह चेलना महारानी के साथ परम सुखमय जीवन विता रहा था। १ जिस दशा में प्रायति अर्थात् भविष्य की कामनाओं का वर्णन है उस दशा का नाम प्रायतिस्थान दशा है।

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