Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 12
________________ प्रथम संस्करण के विशिष्ट अर्थ-सहयोगी श्रीमान् सेठ एस. सायरचंदजी चोरडिया, मद्रास (जीवन परिचय) धर्मनिष्ठ समाजसेवी चोरडिया परिवार के कारण प्रसिद्ध नोखा (चांदावतों का, जिला नागौर, राजस्थान) आपका जन्मस्थान है। आपका जन्म सं.१९८४ वि. आषाढ़ कृष्णा १३ को स्वर्गीय श्रीमान् सिमरथमलजी चोरडिया की धर्मपत्नी स्व. श्रीमती गटूबाई की कुक्षि से हुआ है। आपका बाल्यकाल ग्राम में बीता। साधारण शिक्षण के बाद आपकी शिक्षा आगरा में सम्पन्न हुई और वहीं अपने ज्येष्ठ भ्राता श्रीमान् रतनचंदजी चोरडिया की देखरेख में व्यापार-व्यवसाय प्रारम्भ किया। अपनी प्रतिभा और कुशलता से व्यापारिक क्षेत्र में अच्छी प्रतिष्ठा उपार्जित की। तत्पश्चात् आपने सं. २००८ में दक्षिण भारत के प्रमुख व्यवसाय केन्द्र मद्रास में फाइनेन्स का कार्य प्रारम्भ किया। आज तो वहां के इने-गिने फाइनेन्स व्यवसाइयों में से आप एक हैं। आपकी तरह ही धार्मिक सामाजिक कार्यों में सोत्साह सहयोग देने वाले युवक आपके सुपुत्र श्री किशोरचंद जी भी उदीयमान व्यवसायियों में गणनीय माने जाते हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में जैसे-जैसे ख्याति फैलती गई, वैसे-वैसे आपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों में तन-मन-धन से योग देने की कीर्ति भी उपार्जित की है। शुभ कार्यों में सदैव अर्जित अर्थ को विनियोजित करते रहते हैं। संग्रह नहीं अपितु संविभाग करने की दृष्टि से मद्रास जैसे महानगर की प्रत्येक जनोपयोगी [९]

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