Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सुबोधिनी टीका. सू. ० ८७ सूर्याभविमानस्य देवकृतसज्जीकरणादिवर्णनम् ५९१
छाया -- ततः खलु तस्य सूर्याभस्य देवस्य महति महति इन्द्राभिषेके वर्त्तमाने, अप्येकके देवाः सूर्याभं विमानं नात्युदकं नातिमृत्तिकं प्रविरलस्पृष्ट रेणुविनाशनं दिव्यं सुरभिगन्धोदकं वर्षं वर्षन्ति, अप्येकके देवाः सूर्याभं विमानं हतरजसे नष्टरजसं भ्रष्टरजसम् उपशान्तरजसं प्रशान्तरजसं कुर्वन्ति, अप्येकके देवाः सूर्याभं विमानम् आसिक्तसम्मार्जितोपलितं शुचिसम्मृष्टरध्या
'तएगं तस्स सूरियाभस्स देवस्स महया महया इंदाभिसे वट्टमाणे' इत्यादि । सूत्रार्थ - (तए णं तस्स सरियामरस देवस्स महया महया इंदाभिसे वट्टमाणे ) इस तरह के ठाटबाट से जब सूर्याभदेव का इन्द्राभिषेक हुआ( अप्पेगड्या देवा सूरियाभं विमाणं नचोययं नाइमट्टियं पविरलफुसियरेणुविणासणं दिव्वं सुरभिगंघोदगं वासंति) कितनेक देवोंने सूर्याभविमान में अतिशय सुगंधितजल की वर्षा की, यह वर्षा इतनी अधिक नहीं थी की जिससे वहां कीचड हो जावे, वह तो इस प्रकार की थी कि जिससे वहां की रेणु दब गई उडी नहीं, इस प्रकार से विरल नन्हीं २ बूदों की वर्षा उन्होंने की ( अप्पेगइया देवा सूरिया विमाणं हयरयं नदुरयं भट्ठरयं, उवसंतरयं पसंतरयं करेंति) तथा कितनेक देवोंने सूर्याभविमान को हतरजवाला, नष्टरजवाला, उपशान्तरजवाला और प्रशान्तरजवाला किया (अप्पेगइया देवा सूरिया विमाणं आसियसंमजिओवलितं सुहसंमदुरत्थंतरावणवो
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त एणं तस्स सूरियाभस्स देवस्स महया महया इंदाभिसेए, वट्टमाणे " इत्यादि । सूत्रार्थ - (तएणं तस्स सूरियाभस्स महया महया इंदाभिसे वट्टमाणे ) आभा प्रभा ठाउभाउथी न्यारे सूर्यालहेवन! इन्द्रालिषे थह गये। त्यारे ( अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं नच्चोययं नाइमट्टियं पविरलफुसियरेणुविणासणं दिव्वं सुरभिगंधोदगं वासं वासंति) डेटला हेवेोमे सूर्यालविभानमा अतिशय सुगंधित पालीनी वर्षा કરી, આ વર્ષા એટલી ધિ કરવામાં આવી કે જેથી ત્યાંની રજ દબાઈ જાય. કાદવ થાય તેટલી વધારે વર્ષા થઈ નહેાતી. આ પ્રમાણે તે દવેએ ધીમે ધીમે वरसाहना शेरां पाड्यां. ( अपेगइया देवा सूरियाभं विमाणं हयरयं, नटुरयं, भट्टरयं, उवसंतरयं, पसंतरयं करेति ) तेभन डेटला हेवाओ सूर्याल विमानने इत२४वालु, २४ २४वाणु, उपशांतनवाणु भने प्रशांत वालु यु, (अप्पेगइया देवा सूरिया विमाणं आसियसंमज्जिओवलित्तं सुइसंमदृरत्थंतरावणवी हियं करेंति ) तेभ
શ્રી રાજપ્રશ્નીય સૂત્ર : ૦૧
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