Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Panhavagarnaim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 53
________________ ६४२ पण्हावागरणाई १४. थावरकाए य सुहम-बायर-पत्तेयसरीर-नाम-साधारणे अणते हणंति अविजाणतो य परिजाणो य जीवे इमेहि विविहेहिं कारणेहि, 'किं ते' ?करिसण-पोक्खरणी-वावि-वप्पिण-कूव-सर-तलाग-चिति-वेदि'-खातिय-आरामविहार-थूभ-पागार-दार - गोउर - अट्टालग - चरिय-सेतु-संकम-पासायविकप्पभवण-घर-सरण-लेण-प्रावण - चेतिय - देवकुल - चित्तसभ-पव-आयतण-पावसहभूमिघर-मंडवाण य कए, भायण-भंडोवगरणस्स विविहस्स य अट्ठाए पुढविं हिंसंति मंदबुद्धिया ।। १५. जलं च मज्जणय-पाण-भोयण-वत्थधोवण-सोयमादिएहि ।। १६. पयण-पयावण-जलावण-विदसणेहिं अगणि ।। १७. सुप्प-बियण-तालयंट-पेहुण-मुह-करयल-सागपत्त वत्थमादिएहिं अणिलं ॥ १८. अगार-परियार-भक्ख - भोयण - सयण - प्रासण-फलग-मुसल -उक्खल-तत-वितत आतोज्ज- वहण - वाहण-मंडव-विविहभवण-तोरण-विडंग'-देवकुल- जालय-अद्धचंद-निज्जूह-चंदसालिय-वे तिय" -णिस्सेणि-दोणि-चंगेरि-खील-मेढक-सभ-प्पवपावसह-गंध-मल्ल - अणुलेवण-अंबर-जुय- नंगल-मइय-कुलिय-संदण-सीया-रहसगड-जाण-जोग्ग - अट्टालग - चरिम - दार-गोपुर- फलिह-जंत-सूलिय"-लउडमुसुंढि"-सतग्घि-बहुपहरण-आवरण-उवक्खराण कते ६ । अण्णेहि य एवमादिएहिं बहूहि कारणसतेहिं हिंसंति ते१७ तरुगणे, भणियाभणिए य एवमादी सत्ते सत्तपरिवज्जिया उवहणंति दढमूढा दारुणमती ।। १६. कोहा माणा माया लोभा 'हस्स रती अरती सोय" वेदत्थ-'जीव-धम्म-अत्थ कामहे', सवसा अवसा अट्ठा अणद्वाए य तसपाणे थावरे य हिंसंति मंदबुद्धी। सवसा हणति, अवसा हणंति, सवसा अवसा दुहमओ हणति । १. कि तत् तद्यथेति वा (वृ)। १०. निज्जूहग (ध)। २. पोखरिणी (क, ग)। ११. वेदिय (क्व)। ३. वेति (क, ख)। १२. मलिय (क) । ४. गोपुर (क, ग)। १३. चरित (क, ग)। ५. संकमण (ख)। १४. सूलय (क, ख, घ, वृपा); मूसलय (ग)। ६. एतदादिभि: कारण रिति प्रक्रम: (वृ)। १५. मुसढि (क, घ)। ७. जलण जलावण (ख, च)। १६. कए (क, ग, घ) . तालएंट (क, ध); तालवंट (ख); तालविंट १७. X (क, ग)। १८. इह पंचमीलोपो दृश्यः । ६. विटंग (ख) १६. जीयकामस्थधम्म हे (क, ख, घ, च) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176