Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Panhavagarnaim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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अवरकंहा जान सणि वाडिया अवसेसं तहेव जाव सामाइयमाइयाई अवहरइ जाव तालेइ
अवहिया जाव अवक्खित्ता
अवीरिए जाव अधारणिज्ज •
असक्काfरय जाव निच्छूढे असक्कारिया जाव निढा
असणं जाव अणुवमि
असणं जाव दवावेमाणी असणं जाव परिभुजेमाणी
असणं जाव परिवेसे
असणं जाव विहरइ
असणं मित्तनाद उन्ह व सुहाणं कुलघर जाव सम्माणिता
असण जाव पसन्नं
असिपत्ते इ वा जाव मुम्मुरे इ वा एतो
अतिराए चैव
असोगवणिया जाव कंडरीयं
अहं जाय अगभूवभावभविए
अहं जाव सुया
अहं रज्जं च जाव ओसन्न जाव उठबद्ध
पीढ० विहरामि
अहम्मिए जाव अहम्मकेक
अहम्मिए जाव विहरइ
महाकप्पं जाव किता अहापतिरूवं जाव विहरइ (ति)
अहापवतेहि जाच मज्जपाणएम
अहायुतं जाव सम्म
अहिमवा जाव अतिराए
अमणामतराए
अहीण जाव सुरू
अहो णं तं चैव
आइगरे जाव विहरs आइण्ण वेदो
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वृत्ति
ओ० सू० १५
१।१२।१३
१।१।१५
बति
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