Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Panhavagarnaim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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देवी जाव पउमनाभ १२१६१२३६
१११६१२३३ देवी जाव साहिया श१६/२४०
१११६०२०८ देवेण वा जाव निग्गंथाओ १९७५
उवा० २।४५ देवेण वा जाव मल्लीए ११८१३५
१९७५ दोच्चस्स वगस्स उक्खेवयो २।२।१
२११६ घण कणग जाव परिभाएउं २११४९२
१११०६१ धण जाव सावएज्जस्स १७१३४
१९१ धण जाव सावएज्जे १११६६
११६१ धण्णा णं ते जाव ईसरपभियओ १।१३।१५
१।११३३ धम्म सोच्चा जं नवरं ११५८७
१२१११०१ धम्म सोच्चा जहा णं देवाणु प्पियाणं, अंतिए बहवे उग्गा भोगा जाव चइत्ता हिरणं जाव पव्वइया तहा गं अहं णो संचाएमि पवइए १।१४५
राय० सू० ६६५ धम्मकहा भाणियब्बा १९५७८
१६५१६३ धम्मोत्ति वा जाव विजयस्स श।७५
शरा६४ धोबसि जाव आसयसि २।१३५
२।११३४ धोवेइ जाव आसयइ २।११३८
२।११३४ धोवेइ जाव चेएइ १।१६१११९
१।१६११४ धोवेसि जाव चेएसि १११६।११५
१११६।११४ नंदीसरे अट्टाहियं करेंति जाव पडिगया १८१२२४
जंबू० वक्ष०५ नगरगिहाणि १६७
१८१५८ नगर जाव सण्णिवेसाणं आहेवच्चं जाव विहराहि
श११११८ नच्चासन्ते जाव पज्जुवासइ १२१४/८५
११६६ नट्टा य जाव दिन्न
१५१३२२० नठमईए जाव अवहिए १।१७।१०
१२१७१८ नरि अणुपविसह १६१६२१६
१११६१२१८ नवमस्स उक्खेवओ एवं खलु जंबू जाव अट्ठ राक्षा१,२
२।२।१,२ नवरं तस्स १७२८,२६
११७८,२५,२६ ताइ० ११५।२६:११७४६,६,२२,२६,४२१११५।११:१।१६।५०,५४,१।१८,५१,५६
श१८१ नाइ० १३१४११८,१।१५।१६
१३२२०
ओ० सू० ६८
ओ० सू० १
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