Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Panhavagarnaim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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११८५ वृत्ति
३१२१-३७
३।२१-३८
२।२२ २।२२
११६६ श६२,६३
निक्खेवो
२।५७,३१५३:४।५३,५१५४%
६१४१७८६८।५४६२७ निक्खेवो पढमस्स
१८५ नोमि एवं जहा चुलणीपिय, नवरं एक्केके सत्त मंसमोल्लया जाव कणीयसं जाव आइंचामि
श२१-३७ नीलुप्पल एवं जहा चुलणीपियस्स तहेव देवो उवसरगं करेइ जाव कणीयसं घाएइ, २त्ता जाव आइंचइ
७।५७-७३ नीलुप्पल जाव असि
२१४५,३।२१,४४,४२१ नीलुप्पल जाव असिणा
रा२२,२६ पंचजोयणसयाई जाव लोलुयच्चुयं
१९७६ पढम अहामुत्तं जाव एक्कारस वि
.३३,३४ पढम उवासगपडिमं अहासुतं ४ जहा आणंदो जाद एक्कारस वि
३३४८,४६ पाउणित्ता जाव सोहम्मे
१३५३ पाडिहारिएण जाव उवनिमंतिस्सामि
७.११ पावयणं जाव ज हेयं
७।३७ पीढ जाव ओगिरिहत्ता
७५२ पीढ़ जाव संधारएणं
७१५१ पीढ जाव संथारयं
७११८ पीढ-फलग जाव उवनिमतेत्तए
७११८ पुण्णे कयत्थे कयलक्खणे सलद्धे
२०४० पुत्तं जाव आइंचइ
७७८ पुरिसे तहेव कहेइ जहा चुलणीपिया धन्ना वि पडिभाइ जाव कणीयसं
४।४४ पुवरत्ता जाव धम्मजागरियं
११६५ पुन्वरतावरत्तकाले जाव पोसहसालाए समणस्स ७.५४ पोसहिए. फग्गुणी भारिया। सामी समोसढे जहा आणंदो तहेव मिहिधम्म पडिवज्ज इ जहा कामदेवो तहा जेपत्तं ठवेत्ता पोसहसालाए। समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपति उवसंपज्जित्ताणं
श६२-६३
११८४ ११४५ श२३ १।४५ २४५ ११४५ ११४५ २१४० ३१४२
३.४४
११५७
२०१८ ना० ११११५३
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