Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Sthanakvasi Author(s): Amolakrushi Maharaj Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari View full book textPage 6
________________ 48 प्रयोजक बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी + ( अनुचर विमान में उत्पन्न हुवे हैं उन का कथन किया है. इस मंत्र के तीन वर्ग और २३ अध्ययन हैं.! इस का उतारा खेतशी जीवराज की तरफ से छपी हुई प्रतपर से किया है और अनुवाद सूत्रानुसार किया है. दृष्टीदोष से बहुत स्थान अशुद्धीयों रहगई है. उने शुद्ध कर पठन कीजीये. अनुत्तरोपपातिक मूलानुक्रमणिका. १ प्रथम वर्ग १० अध्ययन १ प्रथय जालीकुमार का अध्ययन २ गुणरत्न संवत्सर रूप का यंत्र ९ नव ही अध्ययन संक्षेप में १२ द्वितीय वर्ग १३ अध्ययन संक्षेप में Jain Education International ... ... १२ १३. ३ तृतीय वर्ग. १० अध्ययन प्रथम अध्ययन धनाजी का ९ नव ही संक्षेप में अध्ययन परम पुज्य श्री कहानजी ऋषि महाराज के सम्प्रदाय के बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलकऋषिजी ने सीर्फ तीन वर्ष में ३२ ही शास्त्रों का हिंदी भाषानुवाद किया, उन ३२ ही शास्त्रों की १०००१००० प्रतों को सीर्फ पांच ही वर्ष में छपवाकर दक्षिण हैद्राबाद निवासी राजा बहादुरलाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी ने सब को अमूल्य लाभ दिया है। ४७ For Personal & Private Use Only *पकाशक- राजाबहादुर लाला सुखदेव सहायजी ज्वालाप्रसादजी * www.jainelibrary.orgPage Navigation
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