Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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नवमांग-अणुत्तरांचवाई दशांम मूत्र 4
नामए-करगगीवाइवा, कुडियागीवाइवा,कोत्थवणाइवा,उच्चत्थवणाइवा एवामेव०॥३२॥ धन्नस्स हणुयाणं से जहा नामय-लाउफलेइवा,हकुवफलेइवा,अंबगट्टियाइवा, एवामेव. ॥ ३३ ॥ धन्नस्सणं उट्ठाणं से जहा नामए-सुक्काजलोयाइया, सिलिसेगुलियाइवा, अलत्तगगुलियाइवा,अंबाडगपेसीयाइवा एवामेवा ०॥३४॥धन्नस्स जिहा-से जहा नामए वडेपत्तेइवा,पलासपत्तेइवा, उबरपत्तेइवा,सागपत्तेइवा, एवामेव ०॥३६॥धन्नस्सनासियाए से जहा नामए-अनंग पेसियइवा, अंबडग पसियाइवा, माउलिंगपेसियइवा, तरुणियाइवा, एवामेव० ॥ ३६ ॥ धण्णस्स अत्थिणं से जहा नामए वीणाछिद्देइवा बधीसग
छिद्देइवा, पभाइयतारगाइवा, एवामेव ० ॥ ३७ ॥ धन्नस्स कन्नाणं, से जहा नामएलीका मुख, उर्द्धमुख भाजन इस प्रकार॥३२॥ धन्ना अनगारकी हणु दढी] यथादृष्टान्त मूका तुम्बा, हकुन का फल, आम्ब की गुठली इस प्रकार ॥३३॥ धना अनगार के होष्ट (होट) यथादृष्टान्त-सूकी जलोक, सूका श्लेषम, अलत (लाख) की गोली इस प्रकार ॥३४॥ धना अनगार को जिव्हां यथ दृष्टान्त-बड का पत्ता, पलास (खांखरे) का पत्ता, गुलर का पत्ता, साग का पत्ता, इस प्रकार ॥३५॥धना अनगार की नाशीका यथारष्टान्त-आंबकी कतली, अम्बाडे की गुठली, बीजोरे की कतली, हरी छेदकर मुकाइ हो। ऐसा ॥ ३० ॥ धन्ना अनगार की आंख यथादृष्टान्त-चीणा के छिद्र, बांसली के छिद्र, प्रातःकालके.सतारे
तृतीय-वर्गका प्रथम अध्ययन 488
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