Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari

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Page 9
________________ xx250 आभारी-महात्मा हिन्दी भाषानुवादक sixi कच्छ देश पावन कर्ता मोटी पक्ष के परम पूज्य श्री कर्मसिंहजी महाराज के शिध्ववर्य महात्मा कविवर्य श्री नागचन्द्रजी महाराज ! इस शास्त्रोद्धार कार्य में आद्योपान्त आप श्री | मायिन शुद्ध शास्त्र, हुंडी, गुटका और समय२पर थावश्यकीय शुभ सम्मति द्वारा मदत देते रहनेसेही मैं इस कार्य को पूर्ण कर सका. इस लिये केवल मैं ही नहीं परन्तु जो जो भव्य इन शास्त्रोद्वारा लाभ प्राप्त करेंगे वे सब ही आप के अभारी - ___ शुद्धाचारी पूज्य श्री खूबा ऋषिमी महाराज के शिष्यवर्य, आर्य मुनि श्री चना ऋषिजी महाराजके शिष्यवर्य बालब्रह्मचारी पण्डित मुनि श्री अमोडक ऋषिजी महाराज! आपने बडे साहस से शाजोद्धार जैसे यहा परिश्रम वाले कार्य का जिस उत्साहमे स्वीकार किया था उस ही उत्साह से तीन बर्ष जितने स्वरूप समय में अहर्निश कार्य को अच्छा बनाने के शुभाशय से सदैव एक भक्त भोजन और दिन के मात घरे लेखन में व्यतीत कर पूर्ण किया. और ऐना सरल बनादिया कि कोई भी हिन्दी भाषज्ञ सहज में समन सके, ऐसे ज्ञानदान के महा उपकार तल दवे हु हम आप के बडे भभारी हैं. संघकी तर्फ से. Fxxs मुखदेव महाय ज्याला प्रसा343933 13 आपका-अमोल ऋापे. 18188 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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