Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
View full book text
________________
Jain Education International
48 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी +
गुणरत्न
संवत्सरतप.
तपदिन
पारणा
सर्वदिन
I0.11teaseeeews
Selese esseEEEER1111
Or asasJACEREMEEER
MPS
१७
For Personal & Private Use Only
२४ ।६।६।६ २५. दादाद। ५। ५५ १४४४।४।४।४।४।४६
-
२। २।२।२।२।२।२।२।२१. १०४११११११११११११११११११११११११६३२
33-23930ABARDaraPSCENJ9999999EWSpa इस की विधी-पहिले महिने एकान्तर उपवास, दूसरे महिने बेले २पारना तीसरे महिने तेले२पारना, यावत् सोलवे महिने में सोले २ उपवास के पारना करे दिनको उक्तटासन से सूर्यकी आतापना लेघे और रात्रिको वस्त्र रहित वीरासन से ध्यानकरे. इस तपके सब तपदिन ४०७ पारणे के दिन ७३ यों सबादन ४८०होते हैं जिसके १४महिने होते हैं इतने में यह तप पूर्ण होता है।
Janwarmmmmmmm
*
Als
www.jainelibrary.org